डीएनए हिंदी : उन दिनों टेनिस कोर्ट में विलियम्स बहनों(Williams Sisters) का जलवा था. तकरीबन छः फुट की ऊंचाई वाली इन बहनों के सधे कद्दावर हाथ घूमते थे और सर्विस के आगे सामने वाली खिलाड़ी अचकचा कर रह जाती थी. उन्हीं दिनों जब पावर सर्विस से लैश अमेरिका की इन बहनों का जलवा था, अमेरिका के खांटी दुश्मन देश से एक लड़की आगे बढ़ रही थी. ख़ूब लम्बी टांगों वाली यह लड़की 6 फ़ीट से थोड़ी ज़्यादा लम्बी थी. पॉवर सर्विस जो अब तक विलियम्स बहनों की थाती थी, उनसे कुछ लम्बी इस लड़की ने उस पर हक़ जताना शुरू कर दिया था. 21 हफ़्तों तक WTA रैंकिंग पर राज करने वाली इस लड़की के लोग दीवाने थे. कुछ बात उसके सर्व और वॉली में थी और कुछ चर्चे उसके अंदाज़ के थे.
उसका जीतना दुनिया भर के टेनिस प्रेमियों की जीत थी, उसका हार जाना लाखों लोगों के चेहरे का उतर जाना था. आहें तब भी उभरती थीं जब उसकी कोई वॉली प्रतिस्पर्धी को भौचक्क करती हुई अपना काम कर देती थी, और तब भी जब वह सामने से आ रही सर्विस को कोर्ट को कुछ क़दमों में मापते हुए रिटर्न कर देती थी. आंकड़े कहते हैं उसने पैंसठ प्रतिशत से अधिक गेम फर्स्ट सर्व में जीता है. शारापोवा(Maria Sharapova) को दुनिया ने कोर्ट की क्वीन कहा.
13 की उम्र में मिला था राइजिंग स्टार अवार्ड
शारापोवा को टेनिस में पहली कामयाबी 2000 में मिली थी, उस वक़्त जब उसने इंटरनेशनल जूनियर टेनिस चैंपियनशिप जीती थी. शारापोवा को उस वक़्त राइजिंग स्टार अवार्ड दिया गया था. यह ख़ास अवार्ड उन लोगों को ही दिया जाता है जो भविष्य के खेल के लिए अभूतपूर्व माद्दा दिखाते हैं. शारापोवा ने यह दिखाया भी. पांच ग्रैंडस्लैम और एक ओलम्पिक पदक के साथ कुल 21 हफ़्तों तक नंबर 1 रैंकिंग.
कब- कब जीता शारापोवा ने प्रमुख टूर्नामेंट
मारिया सबसे अधिक ग्रैंडस्लैम जीतने वाली सेरेना विलियम्स(23) और स्टेफी ग्राफ (22) से बहुत पीछे छूटती हैं पर यह शारापोवा के खेल का जादू था जिसने उसे टेनिस की दुनिया की तीसरी सबसे अधिक कमाऊ खिलाड़ी बनाया. क्ले कोर्ट मारिया की मजबूती थी पर उसे पहली दमदार सफलता विम्बलडन के ग्रास कोर्ट पर ही मिली थी. मारिया(Maria Sharapova) ने विम्बलडन के तौर पर पहला ग्रैंड स्लैम 2004 में जीता था. 2006 में यू इस ओपन दूसरी बड़ी जीत थी. फ्रेंच ओपन ने इस रूसी बाला को दो बार 2012 और 2014 में मुहब्बत दी, वहीं उसके करियर का अंत करने वाले ऑस्ट्रेलियन ओपन को भी मारिया ने 2008 में जीता था.
ड्रग केस और करियर का ख़त्म होना
2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन से ठीक पहले पांचवी सीड मारिया शारापोवा(Maria Sharapova) ड्रग टेस्ट फेल कर गई. पूछे जाने पर उन्होंने मेल्डोनियम लेने की बात बताई. ऑस्ट्रेलियन ओपन इसे बैन कर चुका था. मारिया तुरंत सस्पेंड कर दी गई. इसने मारिया को दुनिया भर में स्पोर्ट्स वैम्प का तमगा दे दिया. कनाडियन खिलाड़ी Eugenie Bouchard ने उन्हें सरे आम चीटर बुलाया. तकरीबन दो साल के प्रतिबन्ध के बाद मारिया ने 2017, 2018 और 2020 में वापसी की कोशिशें की. 2018 में टॉप 25 की रैंकिंग और फ्रेंच ओपन क्वार्टर फाइनल तक भी पहुंची पर यह लम्बा नहीं चला, 2020 में ऑस्ट्रेलियन ओपन में वाइल्ड कार्ड एंट्री के बाद पहले ही मैच में सीधे सेट्स में हार के बाद शारापोवा ने संन्यास लेने की घोषणा कर दी.