डीएनए हिंदी: एक लेखिका थी. आज से 140 साल पहले उसका जन्म हुआ था. आज ही का दिन था. एकदम सही तारीख और वक्त लिखा जाए तो- 25 जनवरी 1882. फिर एक दिन 59 साल की उम्र में इस लेखिका ने आत्महत्या कर ली. नदी में कूदकर अपनी जान दे दी. जन्म और मौत के इस सफर के बीच ऐसा बहुत कुछ रहा जो इस लेखिका ने दुनिया को दिया. कई किताबें, बहुत से विचार और एक ऐसी सच्ची कहानी जिसके बारे में सोचकर ही दिल बैठ सा जाता है.
असमय हो गई माता-पिता की मौत
इस लेखिका का नाम है-वर्जिनिया वुल्फ (Virginia Woolf). जब वर्जिनिया 13 साल की थी, तब उनकी मां की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी. 1904 में जब वर्जिनिया 22 साल की थीं तब उनके पिता चल बसे.
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मशहूर किताबें
वर्जीनिया की कहानी में माता-पिता की असमय मृत्यु के अलावा यौन-प्रताड़ना की घटनाएं भी दर्ज हैं. उनकी किताबों 'अ स्केच ऑफ द पास्ट ' और '22 हाइड पार्क' में उन्होंने यौन प्रताड़ना की घटनाओं का जिक्र भी किया है. उनकी 'अ रूम ऑफ वन्स ओन', 'द लाइट हाउस', 'मिस इज डॉलवे' जैसी किताबें काफी मशहूर रहीं.
कई बार की आत्महत्या की कोशिश
वर्जिनिया ने 1912 में लियोनार्ड वुल्फ से शादी की. 1915 में वर्जिनिया ने अपना पहला उपन्यास, द वॉयेज आउट प्रकाशित हुआ. मॉडर्न इंग्लिश लिटरेचर के सफल लेखकों में से एक होने के बावजूद वर्जिनिया की मानसिक सेहत अक्सर खराब ही रहती थी. इस बीमारी को बायपोलर डिसऑर्डर बताया गया था. कहा जाता है कि वर्जिनिया ने अपनी जिंदगी में कई बार आत्महत्या करने की कोशिशें कीं.
1941 में वह इतनी डिप्रेस हो चुकी थीं कि उन्होंने अपने कपड़े की जेबें पत्थरों से भरीं और घर के पास स्थित ओसे नदी में डूबकर जान दे दी. इस आत्महत्या से पहले उन्होंने अपने पति को एक खत लिखा था, जो आज वर्जीनिया के फैंस के लिए उनके पूरे लिटरेचर की सबसे अहम धरोहर बन चुका है-
प्रिय,
मुझे लगता है कि मैं फिर से पागल हो रही हूं. मुझे नहीं लगता कि हम उस मुश्किल भरे वक्त से फिर से गुज़र पाएंगे. मैं इस बार रिकवर नहीं हो पाऊंगी. मुझे तरह-तरह की आवाजें आने लगी हैं और मैं किसी चीज़ पर ध्यान नहीं लगा पा रही हूं. इस समय मैं वही कर रही हूं जो मुझे सबसे ज्यादा सही लग रहा है.
तुमने मुझे वो सब खुशियां दी हैं जो संभव थीं. तुम हर तरह से वो सब कुछ करते थे जो तुम कर सकते थे. जब तक यह बीमारी नहीं आई थी तब तक हम दोनों की जिंदगी एक हसीन ख्वाब जैसी थी. मैं अब और नहीं लड़ सकती. मुझे पता है कि मैं तुम्हारी जिंदगी खराब कर रही हूं.
देखो मैं ये भी ढंग से नहीं लिख पा रही हूं. मैं पढ़ नहीं पा रही हूं. अपनी ज़िंदगी की सारी खुशियों का श्रेय मैं तुमको देती हूं. तुम मेरे साथ हमेशा धैर्य रखते हो. मैं यह कहना चाहती हूं कि सब लोग इसे जानते हैं कि अगर किसी ने मुझे बचाया होता, तो वो तुम ही होते. मुझसे सब कुछ छूटता चला गया एक तुम्हारी अच्छाइयों को छोड़. मैं अब तुम्हारी ज़िंदगी और खराब नहीं कर सकती. मुझे नहीं लगता कि दो लोग कभी इतना खुश रह सकते हैं एक साथ, जितन हम-तुम रहे.
-वर्जीनिया वुल्फ
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