World Book and Copyright Day: भारत में क्या है कॉपीराइट कानून?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 22, 2022, 10:02 PM IST

World Book and Copyright Day पर जानिए भारत में कॉपीराइट कानून क्या-क्या संरक्षित करता है.

डीएनए हिंदी : भारत में रचनात्मक कार्यों को सुरक्षित करने के लिए 1958  में ख़ास कॉपीराइट एक्ट पास किया हुआ था. हालांकि इसका इतिहास अंग्रेज़ों के ज़माने से जुड़ता हुआ प्रतीत होता है. तब से लगातार इस कानून में सुधार हो रहे हैं. कॉपीराइट एक्ट(Copy Right Act) में सबसे हालिया सुधार 2012 में हुआ था. 

1914 में पहली बार लाया गया था  देश में कॉपीराइट एक्ट 
21 जनवरी 1958 को भारत में कॉपीराइट एक्ट(Copy Right Act) पास किया गया.   उससे पहले 1914 में ब्रिटिश सरकार देश में कॉपीराइट एक्ट लेकर आई थी जो कि इंग्लैंड में 1911 में पास हुए कॉपीराइट एक्ट की अनुकृति थी. इसे भारतीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए तनिक सुधारा गया था. 

क्या कहता था यह कानून 
इस कानून के मुताबिक़ किसी तस्वीर के पचास साल होने के बाद ही मूल फोटोग्राफर के अतिरिक्त कोई व्यक्ति उस तस्वीर का इस्तेमाल बिना पैसे के कर सकता था. बाद में इस कानून को अन्य रचनात्मक उत्पादों और सामग्रियों पर मूल रचनाकार के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए किया गया. भारतीय कानून लेखन, नाटक, संगीत, कला, फिल्म और साउंड रिकॉर्डिंग से जुड़े हुए अधिकारों को संरक्षित करता है. 

Book Review : नींद और जाग के बीच की पुकार है अनिरुद्ध उमट की ‘नींद नहीं जाग नहीं’ किताब

क्या अर्थ है कॉपीराइट का 
कॉपीराइट(Copy Right Act) वास्तव में मूल रचनाकार को हासिल वे कानूनी अधिकार होते हैं जिसके ज़रिये वे अपने लेखकीय, नाटकीय, संगीतीय और अन्य कलात्मक कार्यों को सुरक्षित करते हैं. कॉपीराइट कानून मूल रचना के पुनर्निर्माण से बचाता है, साथ ही लोगों तक इसकी व्यावसायिक जानकारी पहुंचाने और अन्य भाषा में इसके अनूदित होने सम्बन्धी बातों पर भी मूल रचनाकर्ता के व्यावसायिक हितों की रक्षा करता है. हालांकि कृति की प्रकृति के आधार पर कॉपीराइट अवधि बदलती रहती है. 

 

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

कॉपराइट कानून World Book day and Copyright Day