knowledge News: फांसी से पहले दोषी के कान में ये आखिरी शब्द कहता है जल्लाद

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 10, 2022, 01:10 PM IST

क्या आप जानते हैं कि किसी भी मुजरिम को फांसी पर लटकाने से पहले एक ट्रायल किया जाता है? आइए जानतें हैं फांसी से जुड़े कुछ नियमों के बारे में

डीएनए हिंदी: देश में इन दिनों शबनम मामले की चर्चा जोरों पर है. आजाद भारत में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है. उत्तर प्रदेश की मथुरा जेल में शबनम नाम की महिला को फांसी होनी है. हालांकि अभी फांसी की तारीख तय होना बाकी है. इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं फांसी से जुड़े कुछ नियमों के बारे में- 

क्या आप जानते हैं कि किसी भी मुजरिम को फांसी पर लटकाने से पहले एक ट्रायल किया जाता है? अगर नहीं तो बता दें कि मुजरिम से पहले जल्लाद उसके वजन का ही पुतला लटकाकर ट्रायल करता है. इसके बाद फांसी देने वाली रस्सी का ऑर्डर दिया जाता है. दोषी के परिजनों को 15 दिन पहले ही सूचना दे दी जाती है ताकि वो आखिर बार कैदी से मिल सकें. 

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दोषी के कान में यह आखिरी शब्द कहता है जल्लाद
इसके अलावा फांसी से ठीक पहले जल्लाद मुजरिम के पास जाता है और उसके कान में कहता है, 'मुझे माफ कर देना, मैं तो एक सरकारी कर्मचारी हूं. कानून के हाथों मजबूर हूं.' इसके बाद अगर मुजरिम हिंदू है तो जल्लाद उसे राम-राम बोलता है, वहीं अगर  वह मुस्लिम है तो जल्लाद उसे आखिरी दफा सलाम करता है. इतना कहने के बाद लीवर खींच दिया जाता है. जल्लाद उसे जब तक लटकाए रहता है जब तक की दोषी के प्राण नहीं निकल जाते. इसके बाद डॉक्टर दोषी की नब्ज टटोलते हैं. मौत की पुष्टि होने पर जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाती है और बाद में शव परिजनों को सौंप दिया जाता है.

फांसी के दिन क्या-क्या होता है?

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