डीएनए हिंदीः हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे (Mother's Day) मनाए जाने की परंपरा कई सालों से चली आ रही है. सीधे तौर पर कहें तो बीते 117 साल से हर साल दुनिया भर के कई देशों में मई महीने में मदर्स डे मनाया जाता आ रहा है. इस साल मदर्स डे 8 मई को है. इस दिन की शुरुआत कैसे हुई, किसने की इस सबके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. इस दिन की शुरुआत एना जार्विस (Anna Jarvis) ने की थी. हैरानी की बात ये है कि एना और उनका परिवार ही अब इस दिन को मनाना पसंद नहीं करता है.
ऐसे हुई थी मदर्स डे की शुरुआत
मदर्स डे की शुरुआत एना जार्विस ने अपनी मां के लिए की थी. उनका ऐसा करने के पीछे का मकसद मांओं के लिए एक ऐसे दिन की शुरुआत करना था, जिस दिन उनकी सेवाओ के लिए उनका धन्यवाद किया जा सके. लोगों को उनका यह विचार बहुत अच्छा लगा और 1908 में पहली बार मदर्स डे मनाया गया.
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एना ने ही किया मदर्स डे का विरोध
मदर्स डे की शुरुआत करने का पूरा श्रेय एना जार्विस को जाता है. उन्होंने इस दिन अपनी मां के पसंदीदा सफेद कार्नेशन फूल महिलाओं को बांटे थे. इसके बाद से सफेद कार्नेशन फूल बांटना ट्रेंड बन गया इसलिए इन फूलों की मांग बढ़ गई. कालाबाजारी होने लगी. देखते ही देखते दुनिया भर में मदर्स डे के नाम पर चॉकलेट, फूल और अन्य तरह के गिफ्ट्स को लेकर मनमाने दाम वसूले जाने लगे. मां को समर्पित इस खास दिन के इस बाजारीकृत रूप को देखकर एना बहुत परेशान हुईं और उन्होंने ही इस दिन को मनाना बंद कर दिया. यहां तक कि इसके लिए एक मुहिम भी चला दी.
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एना के रिश्तेदार क्यों नहीं मनाते यह दिन
ऐसा कहा जाता है कि एना के रिश्तेदार उनसे बहुत प्यार करते थे. एना का इस दिन का विरोध करने पर उन्होंने भी इस दिन को मनाना बंद कर दिया था. एक इंटरव्यू के दौरान एना के रिश्तेदार ने बताया था कि एना के आंटी-अंकल इस दिन को मनाना पसंद नहीं करते थे. उन्हें भी इस खास दिन को खास संदेश के साथ मनाना पसंद था.
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