LGBTQ: क्या पुतिन हैं Homophobic? किन वैश्विक नेताओं में है यह समस्या?

| Updated: Jan 28, 2022, 06:40 PM IST

पुतिन और ट्रम्प अलावा कई नेता अपना होमोफोबिक व्यवहार दिखला चुके हैं. जानिए किन वैश्विक नेताओं ने किया है ऐसा.

डीएनए हिंदी : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में एक आम राय है कि वे होमोफ़ोबिक(Homophobic) हैं. इसका अर्थ है कि वे समलैंगिक अधिकारों के ख़िलाफ़ हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प को भी लोग समलैंगिक अधिकारों का विरोधी बताते हैं. भारत के कई LGBTQ  एक्टिविस्ट कई बार तर्क देते हैं कि मौजूदा सरकार समलैंगिक अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है. हालांकि भारत अब उन देशों में शामिल है जहां समलैंगिक संबंध कानून के दायरे में आते हैं. जानते हैं उन नेताओं के बारे में जिनका होमोफोबिक व्यवहार बार-बार सार्वजनिक तौर पर नज़र आया. 

व्लादिमीर पुतिन -  पुतिन के बारे में यह राय यूं ही नहीं बनी है. कई मौक़ों पर पुतिन ने समलैंगिक अधिकार (Gay Rights) का मज़ाक बनाया है. 2020 में जून के महीने में जब अमेरिकन एम्बेसी ने प्राइड मंथ (Pride Month) सेलिब्रेट करने के लिए एम्बेसी भवन के बाहर रेनबो फ्लैग लटकाया था तो पुतिन ने सरेआम उनका मज़ाक उड़ाते हुए कहा था कि वे लोग गे/समलैंगिक हैं इसलिए यह उत्सव मना रहे हैं. इससे पहले भी कई बार वे समलैंगिक अधिकारों के ख़िलाफ़ बोल चुके हैं. बीबीसी को दिए हुए एक इंटरव्यू में पुतिन ने खुलकर कहा था कि रूस का एंटी-गे लॉ किसी का नुक़सान नहीं करता है. वे बच्चों को लैंगिक अस्मिता (Gender Identity) के बारे में जागरूक करने को मानवता के विरुद्ध अपराध भी घोषित कर चुके हैं.

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डॉनल्ड ट्रम्प - अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को भी समलैंगिकता विरोधी (Homophobic) नेता माना जाता है. माना जाता है कि कई मौक़ों पर ट्रम्प ने ऐसे फ़ैसले लिए जो समलैंगिक अधिकारों के  ख़िलाफ़ जा रहे थे. ट्रम्प ने बतौर राष्ट्रपति अपने शासनकाल के पहले साल ही यह घोषणा की थी कि वे ट्रांसजेंडर लोगों को मिलिट्री में काम करने से रोकने के लिए योजना बना रहे हैं. इसके अतिरिक्त भी कई मौक़ों पर ट्रम्प ने होमोफोबिक व्यवहार दर्शाया था. उन्होंने एलजीबीटीक्यू (Lesbian, gay, bisexual and transgender) लोगों के नौकरी और हेल्थकेयर की सुविधाएं कम या ख़त्म कर दी थीं. 

ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी - ईरान में कई तरह के मनुष्यगत मौलिक अधिकारों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. इस देश में स्त्री अधिकारों की हालत ख़राब है. एलजीबीटीक्यू (Lesbian, gay, bisexual and transgender) अधिकारों की दुर्दशा का आलम यह है कि समलैंगिक सम्बन्ध बनाना कानूनी रूप से मौत को आमंत्रित करना है. ईरान में समलैंगिक(Homosexual) रिश्ते की सज़ा मौत है. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी समलैंगिकता को वहशीपना का दर्जा दे चुके हैं.

विक्टर ऑर्बन  - हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन यूं तो अपने आप को गे राइट्स एक्टिविस्ट बताते हैं पर हंगरी में बनाए गए नए क़ानून के मुताबिक़ स्कूली बच्चों में समलैंगिकता से जुड़ी हुई चीज़ों को वितरित करना जुर्म है. इस कानून को समलैंगिकता विरोधी ((Homophobic)) माना गया और इस पर यूरोपियन यूनियन ने  हंगरी को लेकर काफ़ी सवाल भी उठाए।

मई 2021 में बीबीसी में छपी एक रपट के मुताबिक़ दुनिया में साठ से अधिक देश समलैंगिकता (Homosexuality) को अपराध मानते हैं. इससे जुड़े हुए सबसे ख़तरनाक कानून घाना और ईरान में हैं.पड़ोसी देश पाकिस्तान भी एलजीबीटीक्यू अधिकारों के प्रति असहिष्णु माना जाता है. वहां कोरियन म्यूजिक ग्रुप BTS  का एक बिल-बोर्ड केवल इसलिए हटाना पड़ा था कि कुछ लोग इसे समलैंगिकता (Homosexuality)  का प्रमोशन मान रहे थे.