इस आश्रम में रहते हैं पत्नी से सताए हुए लोग, पीपल की 108 परिक्रमा लेकर कहा- ऐसी बीवी ना मिले दोबारा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 15, 2022, 11:51 AM IST

patni peedit Ashram

वट सावित्री व्रत से एक दिन पहले इस आश्रम से जुड़े पतियों ने पीपल के पेड़ की 108 उल्टी परिक्रमाएं कीं.

डीएनए हिंदी: 14 जून को देश में वट सावित्री व्रत मनाया गया था. पत्नियों ने पति के लिए श्रृंगार किया. लंबी उम्र की कामना की.व्रत रखा. ये सब तो आप जानते ही होंगे. मगर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में आपने शायद सोचा न हो. यहां पत्नी पीड़ित पुरुषों के एक समूह ने वट सावित्री व्रत से एक दिन पहले ही पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगाकर ये प्रार्थना की कि उन्हें अगले जन्म में ऐसी पत्नी ना मिले. मामला हैरान करने वाला है, जानते हैं क्या है पूरी कहानी-

पीपल की उल्टी परिक्रमा
वट सावित्री व्रत से एक दिन पहले इस आश्रम से जुड़े पतियों ने पीपल के पेड़ की 108 उल्टी परिक्रमाएं कीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने प्रार्थना की कि अगले जन्म में उन्हें ऐसी पत्नी ना मिले.रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आश्रम के संस्थापक भरत फुलारे कहा कि वट सावित्री व्रत पर महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन और सात जन्मों के लिए एक ही पति पाने की प्रार्थना करती हैं. इससे एक दिन पहले हमने यहां एक पीपल के पेड़ की पूजा की और प्रार्थना की कि ऐसा जीवन साथी दोबारा न मिले.

औरंगाबाद में है पत्नी पीड़ित आश्रम
औरंगाबाद में अपनी पत्नी से खुश ना रहने वाले पतियों ने एक 'पत्नी पीड़ित आश्रम' बनाया हुआ है. औरंगाबाद से करीब 12 किलोमीटर दूर मुंबई-शिरडी हाइवे पर ये आश्रम बना है.बताया जाता है कि यहां पत्नी पीड़ित पुरुषों को कानूनी लड़ाई से जुड़ी सलाह दी जाती है. इस आश्रम में कौए की एक प्रतिमा भी है, जिसकी पूजा होती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 500 लोग यहां से सलाह ले चुके हैं. 

ऐसे हुई थी शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे शुरू करने वाले भरत फुलारे ने अपने निजी अनुभव के बाद इस आश्रम की शुरुआत की थी. बताया जाता है कि भरत फुलाते की पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा कानून के तहत केस दाखिल किया था.इसके बाद उनके जीवन में काफी मुश्किलें आईं और किसी तरह की कानूनी सलाह मिलना भी मुश्किल हो गया. तभी उन्हें अपने जैसे कुछ और लोग मिले कानूनी लड़ाई लड़ने का विचार आया. रिपोर्ट्स के मुताबिक 2016 में इस आश्रम की शुरूआत की गई. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस आश्रम का सदस्य बनना या इसमें एंट्री लेना इतना आसान नहीं है. इसके लिए पत्नी की ओर से आप पर 20 केस होने जरूरी हैं.

ये भी पढ़ें-  सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, अब सरकारी पैसे पर खरीद सकेंगे iPad

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

aurangabad Maharashtra Vat Savitri Vrat 2022