डीएनए हिंदीः कर्नाटक में हिजाब विवाद (Hijab Row) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है. जज जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने अलग अलग फैसला सुनाया. जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए हिजाब पर प्रतिबंध को सही माना. वहीं दूसरी तरफ जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया. अब इस मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है. कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के तहत हिजाब पर बैन अभी भी जारी रहेगा.
कई देशों में पहले से है हिजाब पर बैन
भारत में भले ही हिजाब पर बैन को लेकर बहस जारी हो लेकिन दुनिया के कई देशों में पहले से इस पर बैन (Hijab Ban) लगा हुआ है. हैरानी की बात है कि इसमें कई मुस्लिम देश भी शामिल हैं. इन देशों में शिक्षण संस्थानों पर हिजाब पहनने पर पाबंदी है. इनमें ट्यूनिशिया, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम, ताजिकिस्तान, बुल्गेरिया, कैमेरून, चेड, जर्मनी, कनाडा, कॉन्गो, गैबोन, नीदरलैंड, चीन, मोरक्को, अज़रबैजान, लेबनान, इजिप्ट, सीरिया श्रीलंका और स्विटजरलैंड जैसे देश शामिल हैं.
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फ्रांस में बुर्का-हिजाब पहन स्कूल में नो एंट्री
फ्रांस ऐसा पहला यूरोपीय देश है जहां स्कूलों में धर्म को जाहिर करने वाले कपड़ों पर 2004 में बैन लगाया गया था. इसके बाद 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर भी चेहरा ढंकने पर रोक लगा दी गई. 2021 में फ्रांस की नेशनल एसेंबली ने सेपरेटिज्म बिल पास किया है. इसके तहत स्कूल ट्रिप, सार्वजनिक स्थानों, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट में यात्रा करते हुए हिजाब पहनने या किसी भी तरह से चेहरा ढंकने वाले कपड़ने पहनने पर पाबंदी है.
चाड में भी बैन
अफ्रीकी देश चाड में अधिकांश आबादी मुस्लिम बहुल है. सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर 2015 में पूरी तरह से चेहरा ढंकने पर रोक लगा दी थी. बता दें कि यह कदम सरकार ने आतंकी संगठन बोको हरम द्वारा 34 लोगों की मौत के बाद उठाया था.
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रूस में भी हिजाब पर बैन
रूस का नाम भी उन देशों में शामिल हैं जहां हिजाब पर स्कूलों में बैन लागू है. रूस के स्त्रावरोपूल क्षेत्र ने 2012 में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा और 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया.
डेनमार्क में विवाद के बाद बना कानून
डेनमार्क संसद ने वर्ष 2017 में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर रोक लगाई थी. अगर कोई डेनमार्क में चेहरा ढकता है तो उस पर पहली बार करीब 12 हजार रुपये का जुर्माना है और दोबारा पकड़े जाने करीब 85 हजार रुपये ज़ुर्माना है.
चीन में भी सख्त कानून
शी जिनपिंग सरकार ने भी स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. चीन में धार्मिकता को परिभाषित करने वाले पहनावे के साथ स्कूली और सरकारी कार्यालयों में एंट्री नहीं है.
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मुस्लिम देशों में भी लागू है बैन
हिजाब को लेकर बैन कई मुस्लिम देशों में भी लागू है. सऊदी अरब और पाकिस्तान में हिजाब पहनकर स्कूल जा सकते हैं लेकिन कई देशों ने इस पर बैन लगाया है. सीरिया में विश्वविद्यालयों में साल 2010 और 2015 में चेहरे को पूरी तरह से ढंकने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इस देश में करीब 70 फीसदी आबादी मुस्लिम है.
बुल्गारिया में हिजाब पहनना गैरकानूनी
बुल्गारिया में हिजाब पहनना गैरकानूनी माना जाता है. बुल्गारिया सरकार द्वारा आतंकी गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा के उद्देश्य से यह नियम बनाया गया है. यहां हिजाब पहनने पर जुर्माने और सजा दोनों का प्रावधान है.
इटली और श्रीलंका में भी बैन
श्रीलंका और इटली की सरकार ने हिजाब को लेकर सख्त नियम बनाए हैं. यहां बुर्का और हिजाब पहनने पर रोक है. अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानून कार्रवाई की जाती है.
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