Draupadi Murmu देश की अगली राष्ट्रपति होंगी. उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए हुए एकतरफा मुकाबले में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से मात दी. द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला हैं. राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को 6,76,803 मत हासिल हुए जबकि विपक्ष के यशवंत सिन्हा सिर्फ 3,80,177 वोट हासिल कर सके. राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई बड़े नेताओं ने बधाई दी.
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आइए आपको बताते हैं द्रौपदी मुर्मू के जीवन से जुड़ी 5 बड़ी बातें
- आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाली द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी. वह शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति भी होंगी. वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं. उनका जन्म जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था. वह संथाली और ओडिया भाषाओं की उत्कृष्ट वक्ता हैं.
- मुर्मू ने 2014 का विधानसभा चुनाव रायरंगपुर से लड़ा था, लेकिन वह BJD उम्मीदवार से हार गई थी. रायरंगपुर से ही उन्होंने भाजपा की सीढ़ी पर पहला कदम रखा था. वह 1997 में स्थानीय अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद बनी थीं और 2000 से 2004 तक ओडिशा की BJD_BJP सरकार में मंत्री बनीं. वर्ष 2015 में द्रौपदी मुर्मू को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया. वह 2021 तक इस पद पर रहीं.
- द्रौपदी मुर्मू की बेटी इतिश्री ओडिशा के एक बैंक में काम करती हैं. उन्होंने 2009 से लेकर 2015 तक की छह वर्षों की अवधि में अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया था. चमक दमक और प्रचार से दूर रहने वाली मुर्मू ब्रह्मकुमारियों की ध्यान तकनीकों की गहन अभ्यासी हैं। उन्होंने गहन अध्यात्म और चिंतन का दामन उस वक्त थामा था, जब उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया.
- देश के सबसे अविकसित जिलों में से एक मयूरभंज की रहने वाली द्रौपदी मुर्मू ने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. उन्होंने ओडिशा सरकार में सिंचाई तथा बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में नौकरी भी की है. वह रायरंगपुर स्थित ‘श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर’ में मानद सहायक शिक्षक के रूप में भी काम कर चुकी हैं.
- द्रौपदी मुर्मू ओडिशा विधानसभा की सर्वेश्रेष्ठ विधायक भी रह चुकी हैं. उन्हें नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने क्षेत्र में सड़कों और बंदरगाहों जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है. उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का विविध प्रशासनिक अनुभव है.
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