Hindi Diwas 2022 : 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? जानें इसके पीछे की वजह और इतिहास

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 14, 2022, 01:00 PM IST

Hindi Diwas 2022 : साल 1953 से प्रति वर्ष हिंदी दिवस और हिंदी सप्ताह मनाया जाता है. इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. 

डीएनए हिंदीः देश में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है. विश्व में करीब 420 मिलियन लोग हिंदी को मातृ भाषा के रूप में और करीब 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में बोलते हैं. इसी क्रम में 14 सितंबर से 21 सितंबर तक हिंदी सप्ताह या राजभाषा सप्ताह के रूप में मनाया जाता है. हिंदी भारतीय गणराज्य की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है. हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का विचार पहली बार 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा लाया गया था. भारत का संविधान अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देता है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने 1977 में वैश्विक स्तर पर हिंदी में एक अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को संबोधित किया था. उस वक्त वे विदेश मंत्री थे. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया था.

14 सितंबर को ही हिंदी दिवस क्यों? 
1949 में इसी दिन संविधान सभा ने हिंदी को एक आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था. इस तारीख को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चुना था. हिंदी एक फारसी शब्द है और भाषा की पहली कविता अमीर खुसरो, जो एक प्रसिद्ध कवि हैं उनके द्वारा लिखी गई थी. फारसी में हिंदी शब्द का अर्थ मोटे तौर पर 'सिंधु नदी की भूमि' है. हिन्दी भाषा मंडेरिन, स्पेनिश और अंग्रेजी के बाद दुनिया में चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है. भारत की बात करें तो यहां के 77 फीसदी लोग हिंदी बोलते, समझते और लिखते हैं. 

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14 सितंबर को होती है साहित्यकार राजेंद्र सिंह की जयंती
हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह ने हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया था. वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष भी रहे थे. राजेंद्र सिंह का जन्म 14 सितंबर 1900 को जबलपुर, एमपी में हुआ था. वह एक भारतीय विद्वान, हिंदी-प्रतिष्ठित, संस्कृतिविद्, रामायण-अधिकार, और एक इतिहासकार थे. इसके अलावा, हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सुझाव पर हिंदी को समर्पित दिवस पहली बार 1953 में मनाया गया था. दिन को चिह्नित करने के पीछे का कारण भाषा के महत्व को बढ़ाना था. आधिकारिक भाषा बनाने में उनकी भूमिका भी बहुत बड़ी थी. 

इसी दिन दिया जाता है भाषा सम्मान पुरस्कार
हिंदी दिवस के दिन हर साल कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. यह कार्यक्रम सप्ताहभर चलते हैं. इसे हिंदी पखवाड़ा कहा जाता है. इस दौरान विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे कॉलेज और स्कूलों में इस खास दिन पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है. 14 सितंबर को ही भाषा सम्मान पुरस्कार दिया जाता है.

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