Independence Day 2022: आजादी के समय देश में कितने राज्य थे? कब और कैसे बने नए प्रदेश
Independence Day 2022: देश जब आजाद हुआ तब भारत का नक्शा ऐसा नहीं था जैसा आज हमें देखने को मिलता है. तब भारत रियासतों में बंटा हुआ था. राज्य पुनर्गठन आयोग के बाद इन्हें राज्यों में बांटा गया.
डीएनए हिंदीः आज आप भारत के नक्शे पर जिन राज्यों को देखते हैं क्या आजादी के समय भी भारत ऐसा ही था? अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो आप गलत हैं. 15 अगस्त 1947 को जब भारत को आजादी मिली तब भारत कई रियासतों में बंटा हुआ था. तब देश में 552 रियासतें थी. अगर राज्य के तौर पर देखें तो भारत को ब्रिटिश इंडिया के राज्य, रियासतें, पुर्तगाल का उपनिवेश के तौर पर बांटा जा सकता था. आजादी के बाद इन्हें एक करना बड़ी चुनौती थी. हालांकि तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की रियायतों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई.
आजादी के समय कैसा था भारत
देश जब आजाद हुआ तब भारत के नक्शे पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जैसे राज्य नहीं थे. तब इन्हें अंग्रेजों द्वारा बनाए गए सेंट्रल प्रॉविंस, यूनाइटेड प्रॉविंस (अब का उत्तर प्रदेश), बॉम्बे प्रॉविन्स, सेंट्रल इंडिया, मद्रास प्रेडिजेंसी स्टेट हुआ करते थे. स्वतंत्रता के बाद, भारत में मैसूर, पंजाब, मद्रास, बॉम्बे, उड़ीसा, बंगाल, संयुक्त प्रांत, मध्य प्रांत, असम, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर राज्य थे. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली, लाकादिव, मिनिकोय और अमिंडी द्वीप समूह केंद्र शासित प्रदेश थे.
ये भी पढ़ेंः भारत का नाम कैसे हुआ India? कब मिली इसे मंजूरी और क्या है इसके पीछे की कहानी
1953 में हुई राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना
भारत सरकार ने स्वतंत्रता के बाद अंग्रेज़ी राज के दिनों के 'राज्यों' को भाषा के आधार पर करने के लिये राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission) की स्थापना की थी. जस्टिस फ़ज़ल अली की अध्यक्षता में 22 दिसम्बर, 1953 को पहले राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन हुआ. इस आयोग के तीन सदस्य जस्टिस फजल अली, हृदयनाथ कुंजरू और के. एम. पाणिकर थे. इस आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट सौपें जाने के बाद नए राज्यों का निर्माण होना शुरु हुआ था. हालांकि उस समय हैदराबाद, जूनागढ़, भोपाल और कश्मीर भारत का हिस्सा बनने के लिए राजी नहीं हुए थे.
ये भी पढ़ेंः अंग्रेज पहली बार भारत कब, कहां और क्यों आए, जानें हर सवाल का जवाब
कैसे हुआ राज्यों का गठन
जम्मू एवं कश्मीर (1948): जम्मू-कश्मीर के राजा हरिसिंह ने भारत में विलय के कागजातों पर हस्ताक्षर किए. 1956 में इसे भारतीय संघ का हिस्सा घोषित कर दिया गया. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करके इसे केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तित कर दिया गया.
उत्तर प्रदेश (1950): उत्तर प्रदेश बनने से पहले इसे यूनाइटेड प्रॉविंस के नाम से जाना जाता था, जिसमें अवध और आगरा भी शामिल थे.
बिहार (1950): 22 मार्च 1912 को इस राज्य को अंग्रेजों ने बनाया था. 26 जनवरी 1950 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. साल 2000 में बिहार से विभाजित करके झारखंड नाम का एक नया राज्य बनाया गया.
असम (1950): अंग्रेजों ने 1826 में असम को अपने अधिकार में लिया था. 1874 में यह बंगाल से विभाजित किया गया था. 1912 में इसे पुनर्गठित किया गया था. मेघालय, नगालैंड और मिजोरम भी इसमें शामिल थे.
ओडिशा (1950): 1 अप्रैल 1936 को अंग्रेजों ने उड़ीसा को एक अलग राज्य घोषित किया था. 1950 में यह भारतीय राज्य बना और 2011 में इसका नाम बदलकर ओडिशा किया गया था.
तमिलनाडु (1950): ब्रिटिश शासनकाल इसे मद्रास प्रेजिडेंसी कहा जाता था. 1950 में यह भारतीय प्रांत बना और 1969 में इसका नाम तमिलनाडु किया गया था.
ये भी पढ़ेंः अंग्रेजों ने भारत से कितना लूटा था धन, आंकड़ा जानकर चौंक जाएंगे
आंध्र प्रदेश (1953): 1 नवंबर 1956 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था. इससे पहले यह मद्रास का हिस्सा था. इसमें कुछ क्षेत्र हैदराबाद का भी शामिल था. बाद में 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से को अलग राज्य तेलंगाना नाम दिया गया.
मध्य प्रदेश (1956): ग्वालियर, इंदौर और भोपाल रियासत को मिलाकर मध्यप्रदेश को बनाया गया था. उस समय इसे मध्य भारत और सेंट्रल प्रोविंस को मिलाकर बनाया गया था. 2000 में इसे विभाजित छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाया गया.
केरल (1956): त्रावणकोर, कोचीन और मलाबार को मिलाकर 1956 में केरल राज्य का गठन किया गया.
कर्नाटक (1956): एक नवंबर 1956 को मैसूर राज्य का गठन किया गया था. 1973 में राज्य का नाम कर्नाटक कर दिया गया.
महाराष्ट्र-गुजरात (1960): महाराष्ट्र और गुजरात, बॉम्बे प्रेजिडेंसी का हिस्सा थे. एक मई 1960 को महाराष्ट्र और गुजरात को विभक्त करके दो अलग-अलग राज्य बना दिए गए.
नगालैंड (1963): असम से नगा क्षेत्र को अलग करके एक दिसंबर 1963 को नगालैंड राज्य का गठन किया गया था.
ये भी पढ़ेंः आखिर ज्योतिषी क्यों नहीं चाहते थे 15 अगस्त को मिले आजादी? जापान से भी जुड़ा है ये खास कनेक्शन
पंजाब (1966): पटियाला रियासत में आठ छोटी-छोटी रियासतों को विलय करके पंजाब का गठन किया गया था. 1966 में पंजाब से हरियाणा को अलग किया गया और चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाया गया.
हिमाचल प्रदेश (1971): 1950 में 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश बनाया गया था. 1956 में इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था और 25 जनवरी 1971 को इसे पूर्ण राज्य बनाया गया.
मणिपुर (1972): 1947 में मणिपुर को भी स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी. 1956 में यह केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया और 21 जनवरी 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला.
मेघालय (1972): मेघालय को असम के अंतर्गत 1970 में स्वायत्त राज्य बनाया गया था. 21 जनवरी 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.
त्रिपुरा (1972): यह राज्य तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा हुआ है. 1972 तक यह केंद्रशासित राज्य था. इसके बाद इसे पूर्ण राज्य बनाया गया.
सिक्किम (1975): यह देश का दूसरा सबसे छोटा राज्य है. 16 मई 1975 को यह भारतीय संघ का हिस्सा बना था.
गोवा (1987): भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद भी यह क्षेत्र पुर्तगाली आधिपत्य में था. 1961 में भारतीय सेना ने इसे मुक्त कराया और इसे केंद्रशासित क्षेत्र बनाया गया. इसी के साथ दमन और दीव भी स्वतंत्र करा लिया गया. 30 मई 1987 को इसे पूर्ण राज्य घोषित किया गया.
ये भी पढ़ेंः आखिरी बार कब रोशनी से जगमगाया था ताजमहल? अब क्यों नहीं होती है यहां लाइटिंग
अरुणाचल प्रदेश (1987): 1972 में अरुणाचल प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था. 1987 में इसे पूर्ण राज्य बनाया गया और ईटानगर को इसकी राजधानी घोषित किया गया.
मिजोरम (1987): 20 फरवरी 1987 को मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. इससे पहले यह असम का एक जिला था. 1972 में इसे केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था.
छत्तीसगढ़ (2000): एक नवंबर 2000 को मध्यप्रदेश का पुनर्गठन किया गया और छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाया गया.
झारखंड (2000): आदिवासी बाहुल्य इस क्षेत्र को 15 नवंबर 2000 को बिहार से पृथक करके अलग राज्य बनाया गया था.
उत्तराखंड (2000): उत्तरी उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों को मिलाकर यह राज्य बनाया गया था.
तेलंगाना (2014): यह देश का 29वां राज्य था. आंध्रप्रदेश के कुछ जिलों को मिलाकर एक अलग राज्य तेलंगाना का गठन किया गया था. 2 जून 2014 को यह पूर्ण राज्य घोषित हुआ था.
2019: जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा खत्म कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. इसी में लद्दाख को अलग कर उसे भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.