Independence Day 2022 : एक ओर आजाद हुआ था देश, दूसरी ओर बजी थी 'शहनाई'

Written By सौभाग्या गुप्ता | Updated: Aug 14, 2022, 01:32 PM IST

Shehnai 1947 : शहनाई 1947

15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ, इसका जश्न चारों तरफ मनाया गया. इत्तेफाक से दिन था शुक्रवार. उसी दिन थिएटरों में बजी 'शहनाई', जिसे देखने के लिए सिनेमाघरों के बाहर लंबी कतारे लग गईं.

डीएनए हिंदी: दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में बनाने का रिकॉर्ड भारत के नाम है. सेंसर बोर्ड के मुताबिक भारत में हर साल करीब 20 से भी ज्यादा भाषाओं हजारों फिल्में बनाई जाती हैं. हमारे देश में सिनेमा का इतिहास तो 100 साल से अधिक पुराना है. जहां मूक फिल्मों से शुरुआत हुई और बोलती फिल्में फिर रंगीन सिनेमा फिर VFX की एंट्री और फिर आज तक का सफर शामिल है. पर क्या आप जानते हैं कि भारत के आजाद होने के बाद सबसे पहले कौन सी फिल्म रिलीज हुई थी. नहीं, तो हम आपको आज उस फिल्म के बारे में बताने वाले हैं जो 15 अगस्त 1947 को रिलीज हुई थी. 

इस साल देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. इन 75 सालों में भारतीय फिल्म की कहानी, गाने, संगीत, पटकथा, तकनीक सभी कुछ बदला है. साल 1913 में, दादा साहब फाल्के ने भारत की पहली फीचर-लेंथ मोशन पिक्चर बनाई, ये मराठी में एक मूक फिल्म थी जिसका टाइटल 'राजा हरिश्चंद्र' था. इसके बाद ये सफर रुका नहीं. 1913 से 1947 तक मराठी के साथ हिंदी, मलयालम, तमिल और बांग्ला सिनेमा जगत में भी खूब काम हो रहा था. इसके बाद दिन आया आजादी का. शुक्रवार का वो दिन जब देश आजाद हुआ, उसी दिन रिलीज हुई फिल्म शहनाई. 

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15 अगस्त 1947, दिन शुक्रवार. देश की जनता आजादी की हवा में पहली बार खुलकर सांस ले रही थी. शुक्रवार यानी बॉलीवुड रिलीज का भी दिन. उस दिन सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म 'शहनाई'. इस फिल्म को मशहूर डायरेक्टर राज कुमार संतोषी के पिता पीएल संतोषी ने डायरेक्ट किया था जिसमें किशोर कुमार लीड रोल में थे. फिल्म में इंदुमती, राधाकृष्‍णन, मुमताज अली (मशहूर कॉमेडियन महमूद के पिता), दुर्गा खोटे (शोले में बसंती की मौसी) और रेहाना नजर आए थे. शहनाई का म्यूजिक सी रामचंद्रा ने दिया था. फिल्म हिट साबित हुई. ये साल 1947 की पांच सबसे बड़ी कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल हो गई. 

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फिल्म के बारे में बताएं तो इसमें कुल 9 गाने थे. वो भी एक से बढ़कर एक. शहनाई के गाने 'आना मेरी जान, मेरी जान, संडे के संडे' और  'जवानी की रेल चली जाये रे..' काफी हिट हुए थे. अपने हल्के-फुल्के हास्य के साथ, शहनाई रोमांस और गलत पहचान की एक मनोरंजक कहानी है. फिल्म के लिए वास्तव में जिस चीज ने कमाल किया, वो था इसका शानदार साउंडट्रैक.

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