India vs England: भूल गए क्या नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल? 20 साल पहले भारत ने रचा था इतिहास

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 12, 2022, 01:16 PM IST

India vs England (NatWest Series Final 2002)

India vs England: Natwest Trophy का फाइनल मैच आज से ठीक 20 साल पहले 13 जुलाई 2020 को खेला गया था. मैच में पहले खेलते हुए नासिर हुसैन की टीम ने 50 ओवर में भारत के सामने पहाड़ जैसा लक्ष्य रखा था.

India vs England: लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड में आज टीम इंडिया और इंग्लैंड पहले तीन ODI मैचों के पहले एक मैच में भिड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इस सीरीज की शुरुआत से पहले आइए आपको याद दिलाते हैं 20 साल पहले 'क्रिकेट के मक्का' कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान में भारत द्वारा रचे गए इतिहास की. जी हां, हम बात करते हैं नेटवेस्ट सीरीज की, जिसमें भारत के दो युवा खिलाड़ियों युवराज सिंह (Yuvraj Singh) और मोहम्मद कैफ (Mohammed Kaif) की पार्टनरशिप ने गेम ही बदल दिया था. यह मैच वर्तमान BCCI अध्यक्ष और तब की टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) द्वारा जर्सी उतारकर हवा में लहराने के लिए हमेशा याद किया जाता है.

नेटवेस्ट ट्रॉफी (NatWest Series) का फाइनल मैच आज से ठीक 20 साल पहले 13 जुलाई 2020 को खेला गया था. मैच में पहले खेलते हुए नासिर हुसैन की टीम ने 50 ओवर में भारत के सामने पहाड़ जैसा लक्ष्य रखा था. इंग्लैंड क्रिकट टीम ने 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 325 रन बनाए थे. इस स्कोर में कप्तान नासिर हुसैन (115) और मार्कस ट्रेस्कोथिक (109) की शतकीय पारियां शामिल हैं. इसके अलावा एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने 32 गेंदों पर 40 रन बना थे. इंग्लैंड की पारी के बाद खेलने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी रही, पहले विकेट के लिए नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग और कप्तान सौरव गांगुली 14.3 ओवर में 106 रन की पार्टनरशिप की.

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हालांकि इसके बाद भारतीय टीम (Indian Cricket Team) को लगातार झटके लगते रहे और टीम इंडिया ने 10 ओवरों में चार और विकेट खो दिए और स्कोर में इजाफा हुआ सिर्फ 40 रन. गांगुली के बाद सहवाग अगले ही ओवर में आउट हो गए. उनके बाद दिनेश मोगिया (9), राहुल द्रविड (5) और सचिन तेंदुलकर (14) भी कुछ खास कमाल न कर सके. इंग्लैंड में जब आधी टीम इंडिया पेवेलियन लौट चुकी थी, उस समय भारत में रात हो चुकी थी. बहुत सारे क्रिकेट फैंस ने अपने टीवी और रेडियो सेट टीम इंडिया की हालत देख बंद कर दिए थे. हालांकि इसके बाद जो हुआ उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी.

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छठे और सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए टीम इंडिया के दो युवा बल्लेबाजों युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने कमाल कर दिया. दोनों ही बल्लेबाज न सिर्फ लगातार गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचा रहे थे बल्कि विकेट के बीच में बेहतरीन दौड़ लगाकर एक-एक रन भी चुरा रहे थे. इन दोनों बल्लेबाजों ने 6 विकेट के लिए 121 रनों की पार्टनरशिप की. जब 41.4 ओवर में भारत का स्कोर 267 रन था तब युवराज सिंह 69 रनों पर आउट हो गए. उन्होंने 63 गेंदों का सामना किया और अपनी पारी में 9 चौके और एक छक्का भी लगाया.

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युवराज के बाद बल्लेबाज करने उतरे हरभजन सिंह कुछ खास नहीं कर सके और 15 रन बनाकर आउट हो गए.हालांकि इस दौरान वो कैफ के साथ विकेट पर खड़े रहे और कैफ स्कोर को बढ़ाते रहे.दोनों के बीच में 47 रन की साझेदारी हुई. हरभजन के बाद 48वें ओर में बल्लेबाजी के लिए उतरे अनिल कुंबले बिना खाता खोले आउट हो गए. कुंबले के बाद जहीर खान अंतिम बल्लेबाज के रूप में खेलने उतरे. मैच फंसा हुआ था. लेकिन भारत के ये दोनों बल्लेबाज इंग्लैड के पंजों में से मैच को छीन लाए. मोहम्मद कैफ ने 49वें ओवर की तीसरे गेंदे पर 2 रन लेकर मैच भारत के नाम कर दिया. भारत के मैच जीतते ही टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी जर्सी उतारकर लॉर्ड्स के ड्रेसिंग रूम में लहरा दी, जिस वजह से यह मैच आज भी याद किया जाता है और हमेशा याद किया जाएगा.

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