Kanpur Dehat Case: दो परिवारों के झगड़े से बढ़ी बात ने ले ली मां-बेटी की जान, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 16, 2023, 10:06 AM IST

Kanpur Dehat Case

Kanpur Case Update: कानपुर देहात के मड़ौली गांव में दीक्षित परिवार के साथ हुए हादसे में अभी तक कुल 39 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के कानपुर देहात क्षेत्र में हुई घटना ने पूरे देश को हैरान कर दिया है. अतिक्रमण हटाने की घटना के दौरान दो महिलाओं के जलकर मर जाने के बाद प्रशासन पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. अब यह भी पता चल रहा है कि दो परिवारों के आपसी झगड़े के चलते यह मामला यहां तक पहुंचा है. इस विवाद का अंजाम यह हुआ प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी नेहा दीक्षित को अपनी जान गंवाना पड़ी. इस केस में अभी तक कुल 39 लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. आइए समझते हैं कि यह मामला यहां तक पहुंचा कैसे?

यह पूरा मामला कानपुर देहात के मड़ौली गांव का है. इस गांव में पीड़ित परिवार के दो प्लॉट एकसाथ ही हैं. कई दशकों से यह परिवार इस पर खेती कर रहा था. दो दशक पहले प्रमिला और उनके पति कृष्ण गोपाल दीक्षित ने यहां घर बनाया और यहीं रहने लगे. इसी जमीन को लेकर कृष्ण गोपाल दीक्षित और इस केस में आरोपी विशाल दीक्षित, गौरव दीक्षित और अशोक दीक्षित के परिवार से विवाद शुरू हुआ.

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जमीन पर कब्जे को लेकर शुरू हुआ झगड़ा
10 साल पहले अशोक दीक्षित ने सरकारी अधिकारी से सांठगांठ करके अपनी बहन के नाम पर जमीन का सरकारी पट्टा ले लिया. विवाद तब शुरू हुआ जब अशोक ने इस जमीन पर निर्माण की कोशिश की. गोपाल कृष्ण दीक्षित के परिवार का सरकारी जमीन पर लंबे समय से कब्जा था. नियमों के मुताबिक, जिन लोगों के पास पक्का घर है वे ग्राम पंचायत की जमीन पर नहीं रह सकते हैं.

इसी नियम का सहारा लेकर अशोक दीक्षित के परिवार ने गोपाल कृष्ण के परिवार के खिलाफ शिकायत की. शिकायत में कहा गया कि गोपाल कृष्ण का परिवार सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके रह रहा है. अशोक के परिवार ने प्रशासन से मांग की कि गोपाल कृष्ण का कब्जा हटवाया जाए जिससे वह पट्टे में मिली जमीन का इस्तेमाल कर सकें.

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दंगे के आरोप में पीड़ित परिवार के खिलाफ दर्ज हुआ था केस
इसी को लेकर कानपुर देहात प्रशासन की टीम 14 जनवरी को गोपाल कृष्ण का घर गिराने पहुंची. विरोध के चलते प्रशासन की टीम कार्रवाई नहीं कर सकी. प्रमिला दीक्षित के बेटे शिवम का कहना है कि वह उसी दिन जिलाधिकारी के दफ्तर शिकायत लेकर गया लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की. अगले दिन शिवम और प्रमिला दीक्षित समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ दंगे के आरोप में केस दर्ज कर दिया गया.

कुछ दिनों के बाद 27 जनवरी को विशाल दीक्षित ने एक लिखित शिकायत दी कि सरकारी जमीन पर किया गया अतिक्रमण पूरी तरह से हटाया नहीं गया है. विशाल ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि शिवलिंग को नुकसान पहुंचाया गया है और निर्माण कार्य चल रहा है. विशाल की शिकायत के बाद मैथा के एसडीएम ने 13 फरवरी को आदेश जारी किया कि अतिक्रमण को हटाया जाए.

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बाद में वीडियो सामने आया जिसमें देखा गया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से ठीक पहले मां-बेटी घर के अंदर गईं और खुद को अंदर बंद कर लिया. इसके बाद घर में आग लग गई और दोनों उसके अंदर ही जल गईं. प्रशासन का कहना है कि महिलाओं ने खुद को आग लगा ली. दूसरी तरफ, स्थानीय लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान आग लगाई गई थी.

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