Shinzo Abe Shot Dead: शिंजो आबे ही नहीं इंदिरा, बेनजीर भुट्टो से लेकर कैनेडी तक इन राष्ट्रप्रमुखों पर हो चुका है जानलेवा हमला

कुलदीप सिंह | Updated:Jul 08, 2022, 06:53 PM IST

Shinzo Abe Shot: अमेरिका के दो राष्ट्रपति जानलेवा हमले का शिकार हो चुके हैं. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी दो प्रधानमंत्रियों की हत्या कर दी गई थी.

डीएनए हिंदीः जापान (Japan) के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe Shot Died) पर जानलेवा हमला हुआ है. एक भाषण के दौरान हमलावर ने उन्हें गोली मार दी. इस हमले में शिंजो आबे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि गोली लगने के बाद उन्हें हार्ट अटैक भी आया. जापान के कुछ लोकल मीडिया से शिंजो आबे की मौत की भी खबरें सामने आ रही हैं. पूर्व राजनयिक दीपक वोहरा के मुताबिक, जापान में आखिरी बार 1960 में किसी नेता को गोली मारी गई थी. वह घटना सार्वजनिक टीवी डिबेट में हुई थी. बता दें कि इससे पहले भी कई देशों में राष्ट्राध्यक्षों और बड़े नेताओं पर जानलेना हमला हो चुका है. 
 
इंदिरा गांधी को सुरक्षाकर्मियों ने ही मारी थी गोली
भारत भी अपने दो प्रधानमंत्रियों को जानलेवा हमले में खो चुका है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और राजीव गांधी की जानलेवा हमले में मौत हो चुकी है. इंदिरा गांधी नें प्रधानमंत्री पद को तीन बार बार संभाला. उसके बाद 31 अक्टूबर 1984 को पद पर रहते हुए ही उनकी हत्या कर दी गई. इंदिरा गांधी की हत्या उस समय हुई तब वह अपने आवास से बाहर निकल रही थीं. तभी कुछ लोगों के बीच रहकर सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह ने उन्हें गोली मार दी.  

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रैली के दौरान राजीव गांधी पर हुआ था हमला
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) की भी एक आतंकी हमले में मौत हुई थी. 21 मई 1991 के दिन चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में जब राजीव गांधी से लोग मुलाकात कर रहे थे, उसी दौरान उन्हें फूलों का हार पहनाने के बहाने तेनमोजि राजरत्नम नाम की लिट्टे की महिला आतंकी आगे आई. राजीव गांधी के पास आकर महिला ने उनके पांव छूने नीचे झुकी, इसी दौरान उसने अपने कमर में बंधे बम में विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जोरदार था कि हमलावर महिला और राजीव गांधी समेत 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.
 
जॉन एफ कैनेडी पर भी हुआ था हमला
अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी (John F. Kennedy) की भी जानलेवा हमले में मौत हो चुकी है. 22 नवंबर 1963 को टेक्सस के डैलस में डीली प्लाजा से गुजरते हुए केनडी को पूर्व मरीन ली हार्वी ओसवाल्ड ने गोली मार दी थी. कैनेडी को गोली लगने के बाद पार्कलैंड मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. ओसवाल्ड को डैलस पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और दो दिन बाद ही उसकी भी हत्या कर दी गई.  

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अब्राहम लिंकन को थियेटर में मारी थी गोली
अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) की भी गोली मारकर हत्या हो चुकी है. 14 अप्रैल 1865 को अब्राहम लिंकन को वॉशिंगटन के ‘फोर्ड थियटर’ में उस समय गोली मार दी गई , जब वो ‘अवर अमेरिकन कज़िन’ नाटक देख रहे थे. जिस शख्स ने अब्राहम लिंकन को गोली मारी वह जॉन पार्कर वाइक्स बूथ पेशेवर नाट्यकर्मी था. जानकारी के मुताबिक जॉन पार्कर इंटरवल में बाहर निकल गया. रात सवा दस बजे मौका देखकर जॉन ने लिंकन को सिर पर पीछे से गोली मार दी. हमलावर वाइक्स बूथ को पकड़ने की कोशिश की पर कामयाब नही हो सके.  

चुनाव प्रचार के दौरान बेनजीर भुट्टो पर हुआ था हमला
पाकिस्तान की सबसे युवा प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) की भी गोली मारकर हत्या हो चुकी है. वह 35 साल की उम्र में ही पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी थी. 1988 में वह पहली बार चुनाव जीतकर पीएम बनी. हालांकि वह सिर्फ दो साल ही प्रधानमंत्री रह सकीं. 1990 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया गया. 1993 में बेनजीर फिर से पीएम बनी लेकिन 1996 में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. इस पर उन्हें जेल जाना पड़ा और जब जेल से बाहर आईं तो उन्हें देश छोड़ना पड़ा. साल 2007 में बेनजीर वापस पाकिस्तान लौट आईं. वह दोबारा चुनाव लड़ना चाहती थीं. प्रचार के दौरान उन्होंने आतंकी संगठनों पर जमकर निशाना साधा था. दिसंबर 2007 में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें गोली मार दी गई. हमलावर ने खुद को भी उड़ा लिया था.   

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पाकिस्तान के पहले पीएम लियाकत अली भी हुए शिकार
पाकिस्तान की पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान (Liaquat Ali Khan) की भी गोली मारकर हत्या की गई थी. बता दें कि भारत में जब जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी तो वह पहले पीएम बने. इसी सरकार में लियाकत अली खान भारत के वित्त मंत्री बने थे. हालांकि जब भारत का बंटवारा हुआ तो मुस्लिम लीग के नेता रहे लियाकत अली खान पकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि उन्हें जिन्ना ने कुछ दिनों बाद ही पसंद करना बंद कर दिया था. लियाकत अली खान 16 अक्टूबर, 1951 को कंपनी गार्डन में लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें संबोधित करने वाले थे तभी उन्हें गोली मार दी गई. उन्हें तुरंत सेना के अस्पताल ले जाया गया. उनका ऑपरेशन भी किया गया लेकिन उनकी मौत हो गई. 

शेख मुजीबुर्रहमान की आवास में घुसकर हुई हत्या
बांग्लादेश के संस्थापक और पहले प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर्रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) की भी हमले में मौत हो चुकी है. देश की जनता ने ही इन्हें बंगबंधु की उपाधि सौंप दी थी. ऐसा कहा जाता है कि उन्हें आदर के तौर पर बंगबंधु बुलाया जाता था.
बांग्लादेश ने 1975 के तख्तापलट में शामिल होने के मामले में सेना के एक पूर्व कैप्टन को फांसी दी गई. इसी तख्तापलट में बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई. बता दें कि 1971 में पाकिस्तान से आजाद होने के बाद बांग्लादेश शेख मुजीब उर रहमान के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा था. 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश सेना के कुछ जूनियर अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर टैंक लेकर हमला कर दिया. इस हमले में शेख मुजीब उर रहमान समेत उनका परिवार और स्टाफ मारे गए. उनकी सिर्फ दो बेटियां शेख हसीना और शेख रेहाना की जान बच गई थी क्योंकि वो उस समय जर्मनी घूमने के लिए गई हुई थीं.  

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