डीएनए हिंदी: Twin Tower का मामला बीते दिनों काफी चर्चा में रहा. इसका हर्जाना उन लोगों को एक लंबी लड़ाई के रूप में भुगतना पड़ा जिन्होंने इसमें फ्लैट बुक किए थे. मामला सिर्फ यही नहीं है अक्सर प्रॉपर्टी खरीद से जुड़े ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जब लोग धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं. कई लोग इसी वजह से चाहकर भी प्रॉपर्टी खरीदने से डरते रहते हैं. आज आपको बताते हैं किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले किन बातों को पुख्ता कर लेना होता है बेहद अहम. बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट में वकील अनमोल शर्मा-
विक्रेता की पूरी पहचान
प्रॉपर्टी खरीदते समय विक्रेता की पहचान को नजरअंदाज ना करें. पहचान की पुष्टि के लिए यह जरूर जांच ले कि जिस व्यक्ति से आप संपत्ति ले रहे हैं उसके पास संपत्ति बेचने के लिए सरकारी अधिकार है या नहीं. यह पहचानना जरूरी है कि क्या विक्रेता एक कंपनी, फर्म, या साझेदारी फर्म के रूप में यह संपत्ति बेच रहा है. संपत्ति के स्वामित्व और हस्तांतरण के अपने अधिकार की पुष्टि करने के लिए जरूरी है कि विक्रेता की पहचान (आधार कार्ड, पैन कार्ड, आयकर रिटर्न का पता लगाने वाले सभी दस्तावेज को वेरीफाई करें.
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प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक और राज्य के कानून
भूमि उपयोग पैटर्न की जानकारी भी जरूर लें. देश में कई राज्य कानून गैर कृषकों द्वारा कृषि संपत्ति की खरीद पर रोक लगाते हैं. एक खरीदार के रूप में परियोजना के मास्टर प्लान के बारे में जागरुक रहें और सुनिश्चित करें कि संपत्ति को प्लान के अनुसार विकसित किया जा रहा हो.
रेरा रजिस्ट्रेशन जरूर चेक करें
कोई भी प्रॉपर्टी लेते समय ये जरूर ध्यान रखें कि वह रेरा (Real Estate Regultory Authority) के नियमों के तहत रजिस्टर हो. अलग-अलग राज्यों के रेरा नियमों में अंतर हो सकता है. 500 वर्गमीटर से कम पर बने फ्लैट या मकान पर रेरा नियम लागू नहीं होते हैं. हर राज्य की रेरा की अपनी वेबसाइट होती है. जो प्रॉपर्टी आप खरीद रहे हैं उसका रेरा नंबर संबंधित राज्य की वेबसाइट पर जाकर डालें और पूरी जानकारी जुटा लें.
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इसमें आपको सारी जानकारी मिल जाएगी.आपको केवल उन्हीं प्रोजेक्ट्स से जुड़ना चाहिए जो रेरा के तहत पंजीकृत हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि रेरा के तहत सभी आवश्यक प्रावधानों का पालन किया जा रहा हो.
Sale Deed भी है अहम
जब कोई जमीन या मकान किसी को उसके परिवार से विरासत में मिला होता है तो ऐसी प्रॉपर्टी पर कई बार सेल डीड यानी रजिस्ट्री के पेपर नहीं होते. लेकिन उनके पास जमाबंदी कागजात होने चाहिए. सरकार हर 5-6 साल में इलाके पटवारी से सर्वेक्षण करवाती है और जमीन को असल मालिक के नाम से दर्ज किया जाता है. ये कागज जरूर चेक कर लें.
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इन बातों का भी रखें ध्यान
-जब आप एक घर या जमीन खरीदने का फैसला करते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अचल संपत्ति किसी भी दोष से मुक्त हो.
-खरीदार से सत्यापन रिपोर्ट लेनी चाहिए जिससे ये पता चल सके कि आप वास्तविक पार्टी के साथ लेन-देन कर रहे हैं.
-यह सुनिश्चित करें कि जो प्रॉपर्टी आप ले रहे हैं उस पर मुकदमा ना चल रहा हो.
-प्रॉपर्टी पर अगर कोई लोन चल रहा हो तो उसकी जानकारी भी जरूर लें.
-सरकारी रिकॉर्ड के साथ संपत्ति के विवरण का वेरीफिकेशन भी करें.
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