Uttar Pradesh: 'हाथी' से उतर दूसरे दलों में शामिल हुए ये दिग्गज, अब दिखा रहे अपना जलवा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 04, 2022, 12:28 PM IST

कभी बसपा में थे ये नेता

उत्तर प्रदेश में इन दिनों फिर से बसपा की चर्चा शुरू हो गई है. यह चर्चा शुरू हुई है कभी बसपा में शामिल रहे नेताओं को दूसरे दलों में मिल रही तवज्जो पर.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में साल 2007 में अपने दम पर सरकार बनाने वाली मायावती की पार्टी बसपा इस समय अपने हाशिये पर है. विधानसभा में बसपा के पास सिर्फ एक विधायक है. उत्तर प्रदेश में विधानसभा और विधान परिषद दोनों ही सदनों में बसपा विधायकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. पार्टी के कमजोर होने की एक बड़ी वजह लगातार नेताओं का बसपा छोड़ना या मायावती द्वारा उन्हे 'हाथी' से उतारे जाना है. हालांकि इन नेताओं में से कई नेता 'हाथी' से उतरने के बाद दूसरे दलों में शामिल हो गए हैं और उन्हें अपनी नई पारी में सफलता भी मिल रही है.

कांग्रेस ने बसपा के दिग्गज को बनाया UPPC अध्यक्ष

ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं. पिछले शनिवार कांग्रेस पार्टी ने राज्य में अपने नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया. कांग्रेस ने यूपी में UPCC की कमान बृजलाल खाबरी के हाथों में सौंप दी. यह बहुत सारे लोगों के लिए चौंकाने वाला था. उत्तर प्रदेश में बृजलाल खाबरी की पहचान एक दलित नेता के रूप में होती है. वह बसपा के टिकट पर साल 1999 में जालौन से लोकसभा चुनाव जीते थे. बाद में मायावती ने उन्हें राज्यसभा भी भेजा. उन्होंने बसपा के संगठन में नेशनल जनरल सेक्रेटरी के रूप में काम किया है. साल 2016 में उन्होंने बसपा छोड़ दी थी और साल 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए.

पढ़ें- क्या ममता बनर्जी हैं RSS की 'दुर्गा'? पश्चिम बंगाल की CM के बयान पर मचा सियासी बवाल

नकुल दुबे, नसीमुद्दीन भी UPCC में शामिल

कांग्रेस में इसके अलावा UPCC में नकुल दुबे को भी जगह दी है. नकुल दुबे भी बसपा में रहे हैं. वह ब्राह्मणों के बीच बड़ा नाम हैं. उन्होंने साल 2002 में बसपा से अपनी सियासत की शुरुआत की थी हालांकि साल 2022 में मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी को भी बड़ी जिम्मेदारी दी है. नसीमुद्दीन सिद्दीकी साल 2012-17 के दौरान मायावती के नेतृत्व वाली बसपा सरकार में एक प्रभावशाली कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं.उन्हें साल 2017 में मायावती ने पार्टी से निकाल दिया था जिसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए.

पढ़ें- Shehzad Poonawalla ने 4 राजनीतिक दलों को बताया भ्रष्टाचार के 4 स्तंभ, कहा- INC मतलब I need corruption

बृजेश पाठक यूपी के डिप्टी सीएम

ऐसा नहीं है कि अकेले कांग्रेस ने बसपा से आए नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी है. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार में भी बसपा से भाजपा में आए कई नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. यूपी सरकार में बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया है. बृजेश पाठक योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में भी मंत्री थे. वह बसपा सरकार में भी मंत्री रहे हैं. पाठक ने साल 2004 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था. वह साल 2008 मे राज्यसभा भेजे गए. इसके बाद साल 2016 में पाठक भाजपा में शामिल हो गए. हालांकि बसपा दावा करती है कि उन्हें 'हाथी' की सवारी से उतारा गया था.

पढ़ें- Indian Politics: राजनीति छोड़ना चाहते हैं गडकरी, जानिए क्या है उनके मन की बात, क्यों कहा ऐसा

नंदगोपाल नंदी भी बसपा सरकार में रहे मंत्री

बृजेश पाठक के अलावा योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी भी बसपा से भाजपा में आए हैं. नंदी मायावती सरकार में भी मंत्री थे. उन्हें योगी की पहली सरकार में भी मंत्री पद से नवाजा गया था. नंद गोपाल गुप्ता नंदी साल 2007 में बसपा में शामिल हुए थे. विधायक बनने पर मायावती ने उन्हें मंत्री बनाया. हालांकि वह साल 2012 में चुनाव हार गए और 2014 में बसपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया.

स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश ने बनाया MLC

बसपा छोड़ बहुत सारे नेता हाल के वर्षों में सपा में भी शामिल हुए हैं. दरअसल बसपा के नेताओं को पार्टी में शामिल कर अखिलेश यादव भी खुद गैर-यादवों तक अपनी पहुंच बढ़ाना चाहते हैं. 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ सपा में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा के ही प्रोडक्ट हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य लंबे समय तक बसपा में रहे हैं. मायावती सरकार के दौरान उनकी गिनती कद्दावर मंत्रियों में होती थी. स्वामी प्रसाद मौर्य पिछला चुनाव हार गए थे. इसके बाद सपा ने उन्हें विधानस परिषद भेजा.  स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा बसपा में बड़ा नाम रहे इंद्रजीत सरोज को भी सपा में शामिल हो चुके हैं. सपा में इंद्रजीत सरोज को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. इसके अलावा वह विधानसभा में सपा के उपनेता बनाए गए हैं.

मिठाई भारती और राजभर में बसपा में रहे

सपा में साल 2019 में शामिल होने वाले मिठाई भारती भी दो दशकों तक सपा में रहे हैं. अखिलेश ने उन्हें समाजवादी बाबा साहेब अंबेडकर वाहिनी की जिम्मेदारी दी है. इसके अलावा आए दिन सुर्खियों में रहने वाले ओम प्रकाश राजभर भी मायावती के साथ रह चुके हैं. राजभर ने बसपा में ग्राम सभा अध्यक्ष के रूप में अपनी सियासी पारी का आगाज किया था. हालांकि राजभर पहली बार भाजपा की मदद से साल 2017 में विधायक बने. उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. साल 2022 में राजभर ने सपा के साथ चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.