Monsoon Facts: मानसून सबके लिए नहीं होता रोमांटिक, कुछ लोग हो जाते हैं इस मौसम में उदास, जानें क्या है ये समस्या

Written By हिमानी दीवान | Updated: Jul 25, 2022, 09:59 PM IST

Monsoon Blues

Monsoon in India: भारत में मानसून सीजन की शुरुआत हो चुकी है. इसी के साथ शुरू हो गई हैं मानसून से जुड़ी मुश्किलें. एक तरफ तो ज्यादा बारिश से जल भराव और बाढ़ जैसी परेशानी है, दूसरी तरफ Monsoon Blues भी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है.

डीएनए हिंदी: क्या बारिश का मौसम आते ही आप उदास हो जाते हैं. बारिश की बूंदों के साथ ही आपकी आंखों में भी आंसू आने लगते हैं? कुछ काम करने का मन नहीं करता, हमेशा थकान महसूस होती है! अगर आपको ये सब महसूस हो रहा है तो मान लीजिए कि आप Monsoon Blues के शिकार हैं. क्या होता है ये मानसून ब्लूज जो बारिश वाले रोमांटिक माहौल में भी आपको उदास कर देता है. आपका कुछ काम करने का मन नहीं करता. एक तरफ बारिश होती है और दूसरी तरफ आपकी आंखों में भी आंसू आ जाते हैं. आप थके हुए रहते हैं और अपनी पसंद के काम भी टालते रहते हैं. आखिर ये पूरा मामला क्या है, जानिए-

Seasonal Affective Disorder (SAD) है इसकी वजह
आपने विंटर ब्लूज के बारे में भी सुना होगा. मानसून ब्लूज भी इसी की तरह है. इनके पीछे होता है सीजनल इफेक्टिव डिसआर्डर. यह समस्या आमतौर पर मौसम में बदलाव के समय पर सामने आती है. जब मानसून सीजन आता है तब भी कई लोग इसी डिसऑर्डर की वजह से निराश और उदास महसूस करने लगते हैं. 

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कहां से आया Monsoon Blue
बताया जाता है कि Brigham Young University के शोधकर्ताओं ने सबसे पहले Monsoon Blue नामक इस शब्दावली को पेश किया था. उनके अनुसार बारिश के दिन सूरज ना दिखने की वजह से लोगों में मूड डिसऑर्डर की समस्या होने लगती है. यह रिसर्च Journal of Affective Disorders में भी प्रकाशित हो चुकी है. SAD सिंड्रोम भी अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह से काम करता है. किसी के लिए यह मूड खराब होना बस कुछ देर की बात होती है और कुछ लोगों के साथ समस्या लंबे समय तक रहती है. 

जी.डी.गोयनका यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ में एचओडी डॉ. प्रणव  प्रकाश कहते हैं-
मानसून के समय बादलों से पूरा आसमान ढका रहता है. ऐसे में लंबे समय तक सूरज की रोशनी नहीं दिखती है. अल्ट्रावायलेट किरणें ना मिलने की वजह से हमारे शरीर में विटामिन-डी की मात्रा कम हो जाती है. विटामिन-डी हमारे शरीर में एक हार्मोन की तरह काम करता है. इसकी वजह से शरीर में ऊर्जा और मन-मस्तिष्क में उत्साह ना रहता है. जब इसकी कमी होने लगती है तब अक्सर किसी काम को करने का उत्साह कम होने लगता है. अक्सर बोरियत और आलस महसूस होा है. इसी समस्या को मानसून ब्लू का नाम दिया जाता है. ऐसे में शरीर की ऊर्जा बचाने के लिए शरीर कम काम करने की कोशिश करता है और उसे आलस व थकान महसूस होने लगती है.

कैसे करें Monsoon Blues से बचाव
- अंधेरे वाले कमरे में रहने से बचें, रोशनी वाली जगह पर रहें 
-  पसंदीदा संगीत सुनते रहें
- हल्की एक्सरसाइज भी कर सकते हैं
- मौसमी फल और सब्जियां खाएं
- गरम पेय पदार्थों का सेवन करें

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