Aleksander Dugin: कौन हैं एलेक्जेंडर दुगिन? क्यों कहा जाता है 'पुतिन का दिमाग'

कुलदीप सिंह | Updated:Aug 23, 2022, 12:23 PM IST

एलेक्जेंडर दुगिन (Aleksander Dugin) को रूस में एक राजनीतिक दार्शनिक, विश्लेषक और रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है. पश्चिमी देशों का आरोप है कि दुगिन फासीवादी विचारधारा के कट्टर समर्थक हैं. 

डीएनए हिंदीः राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बेहद शक्तिशाली सहयोगी और उनके ब्रेन कहे जाने वाले राष्ट्रवादी विचारक और एलेक्जेंडर दुगिन (Aleksander Dugin) की बेटी दारया की शनिवार रात को मॉस्को के बाहरी इलाके में एक कार बम धमाके में मौत हो गई. दावा किया जा रहा है कि इस हमले का निशाना अलेक्जेंडर दुगिन थे लेकिन गलती से उनकी बेटी बम लगे कार में सवार हो गई और धमाके में मारी गई. 29 साल की दारया टोयोटा प्रादो कार में थी, जिसके इंजन को स्टार्ट करते ही धमाका हो गया. इस घटना के बाद से रूस बौखलाया हुआ है. ऐसा दावा किया जाता है कि अलेक्जेंडर दुगिन ने ही यूक्रेन युद्ध की रूपरेखा तैयार की थी. वह पुतिन का समर्थन करने वाले यूनाइटेड वर्ल्ड इंटरनेशनल की संपादक हैं. 

कौन हैं एलेक्जेंडर दुगिन?
अलेक्जेंडर दुगिन का जन्म मॉस्को में सोवियत सैन्य खुफिया में एक कर्नल-जनरल गेली अलेक्जेंड्रोविच दुगिन के घर हुआ था. उनकी मां गैलिना एक डॉक्टर थीं. जब वह तीन साल के थे, तब उनके पिता ने परिवार छोड़ दिया. 1983 में अलेक्जेंडर दुगिन के व्यवहार के कारण उनके पिता को सीमा शुल्क सेवा में ट्रांसफर कर दिया गया था. 1979 में अलेक्जेंडर ने मॉस्को एविएशन इंस्टीट्यूट में प्रवेश किया, लेकिन उन्हें निष्कासित कर दिया गया. बाद में, उन्होंने एक स्ट्रीट क्लीनर के रूप में काम करना शुरू किया. यह दावा भी किया जाता है कि उन्होंने रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी के लिए काम करना शुरू कर दिया था. 

ये भी पढ़ेंः PM मोदी की सुरक्षा में पहली बार शामिल किए गए देसी नस्ल के डॉग, जानें क्यों खास हैं Mudhol Hound

क्यों कहा जाता है 'पुतिन का दिमाग' ?
अलेक्जेंडर दुगिन का पूरा नाम अलेक्सांद्र गेलीविच दुगिन है. 60 साल के एलेक्जेंडर प्रभावशाली लेखक, राजनीतिक दार्शनिक और विश्लेषक हैं. इनकी बुद्धिमता और दूरदृष्टि के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी कायल हैं. एलेक्जेंडर को 'पुतिन का दिमाग' या 'पुतिन का रासपुतिन' या 'पुतिन का दार्शनिक' भी कहा जाता है. अलेक्जेंडर दुगिन ने ही यूक्रेन को विशुद्ध रूप से रूसी केंद्रीकृत राज्य का प्रशासनिक क्षेत्र कहकर संबोधित किया था. उन्होंने यूक्रेन को नोवोरोसिया (नया रूस) का नाम भी दिया है. एलेक्जेंडर को लेकर रूस में दो तरह के विचार लोगों के हैं. एक वर्ग उनकी विशिष्ट पहचान का समर्थक है, वहीं दूसरा वर्ग उन्हें बेहद सामान्य शख्स करार देता है, जो किस्मत से 'चमकता सितारा' बन गया है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस की राजनीति में कोई आधिकारिक पद नहीं होने के बावजूद एलेक्जेंडर दुगिन को रूस की राजनीति का प्रतीकात्मक चेहरा माना जाता है. 
   
यूक्रेन से युद्ध के पीछे दुगिन का हाथ?
कहा जाता है कि यूक्रेन के साथ युद्ध की पीछे दुगिन की बड़ी भूमिका थी. दुगिन ने "अटलांटिसिज्म" को चुनौती देने के लिए डबलिन से व्लादिवोस्तोक तक अधिनायकवादी रूसी साम्राज्य की परिकल्पना पेश की थी. अटलांटिसिज्म अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो देशों के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है.  रूस शीत युद्ध के समय से ही नाटो को अपने सबसे बड़े दुश्मन के तौर पर देखता है. 

ये भी पढ़ेंः काशी की तरह अब मथुरा बांकेबिहारी मंदिर में भी बनेगा कॉरिडोर, जानें क्या होगी खासियत

30 से अधिक किताबें लिखीं
 दुगिन 30 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, उनमें फाउंडेशन ऑफ जियोपॉलिटिक्स (1997) और द फोर्थ पॉलिटिकल थ्योरी (2009) भी शामिल हैं. वह 2009 से 2014 तक मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख थे. 2014 में यूक्रेन संघर्ष के बारे में उन्होंने कई ऐसे बयान दिए, जिसका पूरे रूस में बड़े पैमाने पर विरोध हुआ. इस काऱण उन्हें यूनिवर्सिटी से बर्खास्त कर दिया गया.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Aleksander Dugin Ukraine russia ukraine war vladimir putin Darya Dugin