Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Lingyat: कौन होते हैं लिंगायत? हिंदू धर्म से कितने हैं अलग, जानें पूरी डिटेल

kaun hote hain lingayat: आज जो लिंगायत कर्नाटक के प्रमुख समुदाय में से एक हैं उनकी उत्पति 12वीं सदी में हुई मानी जाती है. लिंगायत समुदाय इस समय कर्नाटक की कुल आबादी का 17 फीसदी है.

Latest News
Lingyat: कौन होते हैं लिंगायत? हिंदू धर्म से कितने हैं अलग, जानें पूरी डिटेल

what is lingayat community

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: कर्नाटक (Karnataka) में लिंगायत मठ के स्वामी शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू (Shivamurthy Murugha Sharanaru) की गिरफ्तारी के बाद लिंगायत समुदाय एक बार फिर चर्चा में है. स्वामी शिवमूर्ति पर नाबालिग से यौन उत्पीड़न का आरोप है. मामले की जांच चल रही है. इस बीच जानते हैं क्या होता है लिंगायत समुदाय, कैसे पड़ी इसकी नींव और ये कैसे है अलग-

कौन होते हैं लिंगायत
आज जो लिंगायत कर्नाटक के प्रमुख समुदाय में से एक हैं उनकी उत्पति 12वीं सदी में हुई मानी जाती है. 12वीं सदी में समाज सुधार आंदोलन के बाद लिंगायत समुदाय की नींव पड़ी. इस आंदोलन का नेतृत्व उस समय के समाज सुधारक बसवन्ना ने किया था. बसवन्ना को संत बसवेश्वर के नाम से जाना जाता है. लिंगायत समुदाय इन्हीं बसवेश्वर संत की पूजा (सांकेतिक) तौर पर करता है. बताया जाता है कि कर्नाटक में हिंदुओं के मुख्य तौर पर पांच संप्रदाय हैं- शैव, वैष्णव, शाक्त, वैदिक और स्मार्त. शैव संप्रदाय के कई उप संप्रदाय हैं जिनमें से एक है- वीरशैव संप्रदाय. लिंगायत इसी वीरशैव संप्रदाय का हिस्सा हैं. लिंगायत समुदाय इस समय कर्नाटक की कुल आबादी का 17 फीसदी है.

ये भी पढ़ें- कौन हैं स्वामी शिवमूर्ति, यौन उत्पीड़न मामले में हुए गिरफ्तार, जानें कर्नाटक की राजनीति से क्या है कनेक्शन

कैसे होते हैं अलग
शैव संप्रदाय में एक वे लोग हैं जो शिव के साकार रूप की पूजा करते हैं और दूसरे लिंगायत तो शिव के निराकार रूप को पूजते हैं. ये लोग अपने गले में या शरीर पर ईष्टलिंग पहनते हैं. लिंगायत परंपरा में अंतिम संस्कार भी अलग तरह से होता है. यहां दफनाया जाता है और उससे पहले शव को सजा-धजाकर कुर्सी पर बिठाया जाता है और फिर कंधे पर उठाया जाता है. इसे विमान बांधना कहते हैं. कई जगहों पर लिंगायतों के अलग कब्रिस्तान होते हैं. 

ये भी पढ़ें- Karnataka: 4 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजे गए लिंगायत महंत शिवमूर्ति, नाबालिग से Rape का लगा है आरोप

कैसे बना लिंगायत समुदाय
12वीं सदी के उस दौर में समाज में हर तरफ ऊंच-नीच और भेदभाव था. उस दौर में जाति की बजाय कर्म को प्रथम बनाने की लड़ाई लड़ी बसवन्ना ने.उन्होंने मठों, मंदिरों में फैली कुरीतियों, अंधविश्वासों को चुनौती दी. उन्होंने लिंग, जाति, सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी लोगों को बराबर अवसर देने की के लिए आवाज उठाई और निराकार भगवान की अवधारणा के समर्थक बनें. यहीं से लिंगायत समुदाय की नींव पड़ी. अब लिंगायत समुदाय के लोग कई बार लिंगायत को हिंदू धर्म से अलग पहचान देने की मांग भी कर चुके हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement