डीएनए हिंदी: देश में कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर हैं. चुनाव से पहले राजस्थान में मचे कांग्रेस के अंदरूनी बवाल ने इसे और मनोरंजक बना दिया है. इस बवाल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए कई और उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए शशि थरूर के अलावा पवन बंसल ने पर्चा खरीदा है. अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने पर अब संशय है जबकि इस रेस में दिग्विजय सिंह और अंबिका सोनी, मीरा कुमार और मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी लिया जा रहा है. अगर इस बार कोई 'गैर गांधी' कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बन जाता है तो ऐसा ढाई दशक बाद होगा. वर्तमान में सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. उनसे पहले राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे. राहुल से पहले बहुत लंबे समय तक सोनिया गांधी के पास ही यह जिम्मेदारी थी. सोनिया गांधी से पहले सीताराम केसरी (Sitraram Kesri) ने दो सालों के लिए कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली थी लेकिन जिस तरह उन्हें पार्टी से बाहर किया गया वह बहुत ही अपमानजनक था.
दरअसल बात साल 1998 की है, मार्च का महीना था. मौसम भी सुहावना था न सर्दी थी और न गर्मी थी. इसी महीने की 14 तारीख को कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में जो हुआ वह इतिहास बन गया. इस दिन कांग्रेस पार्टी की CWC की मीटिंग होनी थी. बैठक में हिस्सा लेने के लिए उस समय के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सीताराम केसरी जब हॉल में पहुंचे तो उनके सम्मान में पार्टी के एक-दो नेताओं के अलावा शायद ही कोई खड़ा हुआ. इस बैठक से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष पद से उन्हें हटाने की साजिशों से केसरी पहले से ही वाकिफ थे लेकिन बैठक में उनके साथ यह घटना होगी उन्होंने शायद ही ऐसा कभी सोचा होगा.
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इसके तुरंत बाद बैठक में सीताराम केसरी का चेहरा उस समय गुस्से से लाल हो गया जब प्रणव मुखर्जी ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद किाय और सोनिया गांधी से कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का निवेदन किया. प्रणव मुखर्जी के इस प्रस्ताव से सीताराम केसरी तमतमा गए, वे तुरंत खड़े हुए और अपनी बैठक छोड़कर अपने ऑफिस के लिए निकल गए. इस दौरान उन्हें मनाने के लिए प्रयास भी किए गए लेकिन वो माने नहीं. मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने इसके बाद भी उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने. इसके पबाद कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुआ और सोनिया गांधी को पार्टी का अगला अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया.
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सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनते ही कांग्रेस के दफ्तर में जो हुआ वह किसी ने सोचा न था. कांग्रेस अध्यक्ष के दफ्तर के बाहर लगी सीताराम केसरी ने नाम की प्लेट को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उखाड़कर कूड़ेदान में फेंक दिया. कांग्रेस दफ्तर में मौजूद लोगों की मानें तो सीताराम केसरी के नाराज होने के बाद सोनिया गांधी की ताजपोशी तक उन्हें बॉथरूम के अंदर बंद कर दिया गया. सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद जब वो कांग्रेस कार्यालय छोड़कर जाने लगे तो पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने उनकी धोती तक खोलने का प्रयास किया.
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