डीएनए हिंदी: भारत में बीबीसी के दफ्तरों पर छापेमारी जारी है. मंगलवार को इनकम टैक्स विभाग की टीम दिल्ली समेत कई दफ्तरों में पहुंची. IT विभाग ने कहा है कि यह एक 'सर्वे' है. अब देश-विदेश में इसे मीडिया पर हमला बताया है. इसी को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस आमने-सामने हैं. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री के बाद बदले की कार्रवाई कर रही है. वहीं, बीजेपी उसे याद दिला रही है कि इंदिरा गांधी भी बीबीसी पर एक बार बैन लगा चुकी हैं.
हाल ही में केंद्र सरकार ने गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी थी. केंद्र सरकार ने अपनी आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करके YouTube और ट्विटर को निर्देश दिए कि वह इस डॉक्युमेंट्री को हटाए. केंद्र सरकार का कहना था कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनिंदा बातें दिखाई गई हैं. उसी वक्त से बीबीसी और मोदी सरकार आमने सामने हैं.
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जब इंदिरा गांधी ने की थी कार्रवाई
मामला साल 1970 के दशक का है. इंदिरा गांधी 1966 में पहली बार प्रधानमंत्री बनीं और 1970 आते-आते वह काफी ताकतवत हो गई थीं. उस वक्त एक डॉक्यूमेंट्री आई थी जिसका नाम था 'कलकत्ता'. 1968 से 1969 में कलकत्ता के आसपास शूट की गई इस डॉक्यूमेंट्री में कलकत्ता का प्रभाववादी चित्रण किया गया. इसे फ्रेंच डायरेक्टर लुइस माले ने बनाया था.
इसके बाद ऐसी कई डॉक्युमेंट्री फिल्में बनीं जो भारत की गरीबी को ज्यादा दिखातीं. ये सभी डॉक्युमेंट्री फिल्में बीबीसी बनाता था और वही इनका प्रसारण करता था. इंदिरा गांधी इस सबसे खुश नहीं थीं. भारतीय दूतावास को भी शिकायतें मिलीं कि यह डॉक्युमेंट्री भारत से पक्षपात कर रही है. भारतीय दूतावास ने बीबीसी से कहा कि वह इस डॉक्युमेंट्री का प्रसारण रोक दे. हालांकि, बीबीसी ने ऐसा नहीं किया.
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बंद कर दिया गया था बीबीसी का ऑफिस
एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, इंदिरा गांधी की सरकार ने 29 अगस्त 1979 को बीबीसी को भारत से बाहर निकाल दिया और उस पर बैन लगा दिया. मशहूर पत्रकार मार्क टली उस समय भारत में बीबीसी के प्रतिनिधि थे. मार्क टली और संवाददात रूनी रॉबसन को कहा गया कि वे 15 दिनों के अंदर बीबीसी के दफ्तर को बंद कर दें.
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