ग्लोबल वार्मिंग कम करने में आप भी कर सकते हैं मदद, जानें 10 उपाय

ग्लोबल वार्मिंग का सीधा मतलब है धरती का जरूरत से ज्यादा गर्म होते जाना. बीते 140 सालों में धरती का तापमान एक डिग्री सेल्सियस तक बढ़ चुका है.

ग्लोबल वार्मिंग का सीधा और आसान मतलब है धरती का जरूरत से ज्यादा गर्म होते जाना. वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले 140 सालों में धरती का तापमान एक डिग्री सेल्सियस तक बढ़ चुका है. यह एक तरह से पृथ्वी की सेहत खराब होने जैसा है.यदि धरती के तापमान में बढ़ोत्तरी इसी तरह चलती रही तो परिणाम खतरनाक हो सकते हैं. इसे कम करने में हम भी अपने स्तर पर कुछ ना कुछ योगदान दे सकते हैं. 

पैदल चलें

यदि स्कूल या ऑफिस पास में ही है तो साइकिल से जाएं या पैदल ही जाएं.

सार्वजनिक परिवहन

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलती है.

सीएफएल

सीएफएल लाइट्स का इस्तेमाल करना भी बिजली बचाने का एक अच्छा विकल्प है. 

इलेक्ट्रिसिटी बचाएं

जरूरत ना होने पर यदि आप बिजली का उपयोग नहीं करते तो ये भी अपनी तरफ से ग्लोबल वार्मिंग कम करने की दिशा में एक छोटा, लेकिन अहम योगदान है.

टीवी ऑन है या ऑफ

कई बार कोई भी सदस्य टीवी नहीं देख रहा होता, फिर भी टीवी ऑन ही रहता है. ऐसा करने से बचें. ये ना सिर्फ बिजली की बचत है, इससे हमारे संसाधनों की बचत भी है.

पेड़ लगाएं

ये बात तो हमेशा से हमें सिखाई जाती है कि पेड़ लगाकर हम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपना अहम योगदान दे सकते हैं. ग्लोबल वार्मिंग कम करने के लिए भी पेड़ लगाना अहम है. 

शाकाहारी बनें

शाकाहार को अपनाने का चलन इन दिनों जोरो पर है. रिसर्च कहती हैं कि शाकाहार यानी फल सब्जियों को खाने में शामिल करके और मांस इत्यादि को छोड़कर भी आप ग्लोबल वार्मिंग कम करने की दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं.

रिपेयर करवाएं

कोई भी चीज खराब होने पर हम तुरंत नई लेने के बारे में सोचने लगते हैं और हमारी धरती पर इलेक्ट्रॉनिक या प्लास्टिक वेस्ट जमा होता जाता है. ऐसे में यदि कोई भी उपकरण या चीज खराब हुई है, तो पहले उसे रिपेयर करने या करवाने की कोशिश करें.

सेकेंड हेंड सामान

यदि किसी सामान की जरूरत हो, तो सेकेंड हेंड सामान खरीदने को प्राथमिकता दें. इससे वेस्ट कम बनेगा. किसी भी सामान को दोबारा इस्तेमाल करने से पृथ्वी पर इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट की मात्रा कम होती है.

सेकेंड हेंड सामान

यदि किसी सामान की जरूरत हो तो पहले कोशिश करें कि वो सेकेंड हेंड रूप से आपको मिल जाए. किसी भी सामान को रीयूज करना भी वेस्ट को कम करने जैसा है. 

रीसाइकिल

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रिसाइकलिंग एक अहम कदम है. जब हम पुरानी वस्तुओं का नए रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो धरती से प्लास्टिक वेस्ट कम होता है. ये ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या को कम करने में कारगर भूमिका निभा सकता है.