अंकिता ने बताया कि परिवार में सभी सदस्य मूसाखेड़ी में सब्जी का ठेला लगाते हैं. पापा सुबह 5 बजे उठकर मंडी चले जाते हैं. मम्मी सुबह 8 बजे सभी के लिए खाना बनाकर पापा के सब्जी के ठेले पर चली जाती हैं. बड़ा भाई आकाश रेत मंडी में मजदूरी करता है. छोटी बहन की शादी हो चुकी है. उन्हें भी कई बार हाथ बंटाने के लिए सब्जी के ठेले पर खड़ा होना पड़ता है.
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अब अंकिता नागर मध्य प्रदेश ज्यूडिशरी मैं बतौर सिविल जज अपनी सेवाएं देंगी. उनके माता-पिता ने मुसाखेड़ी रोड गलियों में सब्जियां बेचकर अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए काफी मेहनत की. वहीं अंकिता ने भी अपने पिता के सपने को पूरा कर आज उनका सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है.
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अंकिता बताती है कि वह लगातार आठ से 10 घंटे पढ़ाई करती थीं. अंकिता की मां बताती है कि उन्हें अपने समय में बेहतर एजुकेशन नहीं मिल पाई, लेकिन अपनी बेटी को पढ़ाने का एक सपना जो उन्होंने देखा था वह अब पूरा हुआ है.
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अंकिता का कहना, ' मैं निष्पक्ष निडर होकर अब आम जनता की मदद करूंगी और उन्हें न्याय दिलाऊंगी'. अंकिता उन बच्चों के लिए भी एक प्रेरणा हैं जो कड़ी मेहनत के बाद भी कई बार परिश्रम करते हुए एग्जाम में फेल हो जाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं. अंकिता भी कई बार असफल रही लेकिन उनके आत्मविश्वास और निश्चय ने उन्हें सफल बनाया.