Pet-owner हैं तो रखिए इन बातों का खयाल, क्या कहता है कानून?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 19, 2022, 06:23 PM IST

भारतीय क़ानून आपको ही नहीं, आपके पालतू जानवर को भी सुरक्षित करता है. साथ ही यह आपके लिए कुछ ज़िम्मेदारियां भी तय करता है...

डीएनए हिंदी : 2018 के एक आंकड़े के अनुसार लगभग 1 करोड़ 80 भारतीय परिवारों में कोई ना कोई पालतू जानवर है. इनमें से तक़रीबन 95 फ़ीसदी घरों में कुत्ते पाले जाते हैं. इसके साथ आपको यह सूचना सुखद लगेगी कि भारत विश्व के उन कुछ देशों में है जहां एनिमल राइट्स बेहद मज़बूत है. जी हां, भारतीय क़ानून आपको ही नहीं, आपके पालतू जानवर को भी सुरक्षित करता है. साथ ही यह आपके लिए कुछ ज़िम्मेदारियां भी तय करता है. एक नज़र पेट ओनर्स के अधिकारों और ज़िम्मेदारियों पर - 

कोई भी सोसायटी या अपार्टमेंट के पास नहीं है पेट्स को मना करने का अधिकार -

अगर आपकी हाउसिंग सोसायटी (housing society) आपसे अपना पालतू जानवर हटाने की बात करती है या फिर ख़ास ब्रिड जैसी कोई शर्त आप पर लादती है तो आप सोसायटी की अथॉरिटी के ख़िलाफ़ ऐक्शन ले सकते हैं. क़ानूनी अपील भी दायर कर सकते हैं. भारतीय क़ानून के सेक्शन 51 (A) g के अनुसार सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वह किसी भी जीवित प्राणी के प्रति सहृदयता दिखाए. इसके साथ ही एनिमल वेलफ़ेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया का कहना है कि अगर सोसायटी अथॉरिटी किसी भी व्यक्ति को अपने पालतू को हटाने के लिए बाध्य करती है तो अथॉरिटी पर सेक्शन 11 के  तहत जानवरों के ख़िलाफ़ क्रूरता से बचाव की धारा लग सकती है. 

हाउसिंग सोसायटी के पार्क और गार्डन हैं पेट्स के लिए भी

आप अपने पालतू कुत्ते और बिल्ली को पार्क या गार्डन में लेकर तो जाना चाहते हैं पर नहीं ले जा पाते हैं कि लगता है लोग कहीं मना ना करें… आप भी इस उहापोह में हैं तो क़ानून आपको बेख़ौफ़ होकर पार्क या गार्डन इस्तेमाल करने की इजाज़त देता है. हां , सोसायटी (housing society) इस बाबत समय निर्धारण कर सकती है. 

आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप दूसरों की सुविधा का ख़याल रखें

क़ानून पेट रखने के लिए आपको बहुत सारी सुविधाएं देता है पर इसके साथ ही आपके लिए कुछ ज़िम्मेदारियां भी तय करता है. यह पेट ओनर्स की जवाबदेही मानी जाती है कि वे अपने कुत्ते या बिल्ली की प्रॉपर ट्रेनिंग करवाएं.  कुत्तों को एंटी-रेबीज़, DHLPPi और KC वैक्सीन दिलवाएं.

अपने पेट का रखें ख़याल कि किसी और को नुक़सान ना पहुंचाए

अगर आप कुत्ता या बिल्ली पालते हैं तो यह बेहद ज़रूरी पॉईंट है. अगर आपके पेट ने किसी पर आक्रमण करके घायल कर दिया तो उसके ज़िम्मेदार क़ानूनी रूप से केवल आप होंगे. हाल में दिल्ली के बदरपुर इलाक़े में एक पिटबुल के द्वारा बच्चे को घायल कर दिए जाने के बाद पुलिस ने पिटबुल (pitbull) के मालिक को हिरासत में ले लिया. जी, आपको भी अपने पालतू की हरकतों का ख़याल रखना होगा अन्यथा उसके द्वारा जान-माल के किसी भी तरह के नुक़सान में पूरी क़ानूनी ज़िम्मेदारी आपकी बनती है. 

 

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