डीएनए हिंदी: एक साल की उम्र में जो लड़की पटना जंक्शन पर लावारिस मिली, आज वह कई लड़कियों के लिए मिसाल कायम कर रही है. कहानी है पटना की ज्योति की.फिलहाल 11वीं कक्षा में पढ़ रही ज्योति इन दिनों एक कैफे में काम कर रही हैं.कैफे में काम करना कोई बड़ी बात ना हो, लेकिन जिन हालातों से निकलकर ज्योति ने यहां तक का सफर तय किया है वह जरूर काबिलेगौर है.
एक साल की उम्र में ज्योति की पहचान पटना जंक्शन पर मिले एक लावारिस बच्चे के तौर पर हुई थी. ना उसकी मां का पता था ना ही पिता का. छोटी सी वह बच्ची कहां से आई, कौन लाया कोई भी जानकारी नहीं थी. ऐसे में पटना जंक्शन पर ही रहने वाली कारी देवी नाम की महिला ने उसे पाला. मगर किस्मत की मार ऐसी रही कि कारी देवी का साथ भी ज्यादा दिन तक नहीं रहा. कुछ ही समय बाद कारी देवी की मौत हो गई. इसके बाद ज्योति ने स्टेशन पर ही भीख मांगना और कचरा उठाना शुरू कर दिया. दस साल की उम्र तक ज्योति ऐसे ही अपनी गुजर-बसर करती रहीं.
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ऐसे बुरे हालातों में भी ज्योति ने कोशिश करना और सपने देखना नहीं छोड़ा. दस साल की उम्र में ज्योति को एक एनजीओ का साथ मिला. इसके बाद पढ़ाई शुरू हुई. आज 19 साल की उम्र में वह एक कैफे संभाल रही हैं. ग्रेजुएशन पूरी करके अपना खुद का कैफे शुरू करना चाहती हैं. ज्योति का सपना है कि अपना कैफे खोलें. फिलहाल वह पटना के एक कैफे का काम संभालती हैं. भीख मांगने से लेकर यहां तक का ज्योति का सफर किसी को भी प्रेरणा दे सकता है.
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