क्या हैं बिहार के समीकरण? BJP से अलग होने के बाद नीतीश कुमार के पास हैं ये विकल्प

Written By रईश खान | Updated: Aug 08, 2022, 02:53 PM IST

नीतीश कुमार

Bihar Politics: बिहार में एक फिर JDU-BJP गठबंधन खत्म हो सकता है. ऐसे में बिहार नीतीश कुमार आरजेडी, कांग्रेस के साथ नए समीकरण गढ़ सकते हैं. जानिए क्या कहता है सरकार बनाने का गणित...

डीएनए हिंदी: बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबधंन एक बार फिर टूटने ने की कगार पर है. बताया जा रहा है कि एक दो दिन में JDU बीजेपी से अलग होने का ऐलान कर सकती है. गठनबंधन में इस तकरार के पीछे एक कारण आरसीपी सिंह को भी बताया जा रहा है. RCP सिंह हाल में जेडीयू से इस्तीफा दे चुके हैं. जेडीयू का आरोप है कि बीजेपी उसकी पार्टी को तोड़ने में लगी है. ऐसे में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आरजेडी, लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस के साथ मिलकर वैकल्पिक सरकार बनाने की तैयारी में जुटे हैं. 

नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से फोन पर बात की है. इसके बाद JDU-BJP गठबंधन में टूट की खबरें और भी पुख्ता हो गई हैं. कांग्रेस की ओर से सभी विधायकों को सोमवार शाम तक पटना पहुंचने का निर्देश दिया गया है. वहीं, जेडीयू ने भी सभी सांसदों की बैठक बुलाई है. आइये जानते हैं अगर बीजेपी के साथ जेडीयू गठबंधन तोड़ती है तो नीतीश कुमार के पास सरकार बनाने के क्या हैं विकल्प.

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बिहार में किसके पास कितनी सीटें?
बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं. इनमें सबसे ज्यादा 79 विधायक लालू यादव की आरजेडी के पास हैं. जबकि बीजेपी के पास  77 विधायक हैं. वहीं, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई (ML) के 12 और जीतन राम मांझी के 4 विधायक हैं. इनके अलावा सीपीएम के 2, सीपीआई 2 और एक निर्दलीय विधायक है. बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार को 77 विधायकों की जरूरत है. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का बहुमत होना चाहिए. 

बिहार में फिर से नीतीश-लालू एक साथ आते हैं तो?
जेडीयू - 45
आरजेडी- 79
JDU+RJD = 124
बहुमत = 122

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इसके इलावा इस गठबंधन में कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी भी शामिल हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस की 19 और सीपीआई (ML) 12 विधायकों को मिलाकर गठबंधन के पास बहुमत से कहीं ऊपर 155 विधायक हो जाएंगे. इसके अलावा जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के 4 अन्य विधायकों का भी उन्हें साथ मिल सकता है.

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