डीएनए हिंदी: जब उत्तर प्रदेश का चुनाव (UP Election 2022) अपने चरम पर है तो बीजेपी का सारा ध्यान तो उस तरफ ही है लेकिन पार्टी अपने भविष्य को लेकर भी लगातार अन्य राज्यों में काम करती रही है. इसका संकेत मुख्य तौर पर गुजरात (Gujarat) को लेकर देखा जा सकता है जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के दौरे लगातार बढ़ रहे हैं. वहीं हैदराबाद (Hyderabad) में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) का 7 घंटे कार्यक्रम इस बात का संकेत है कि पश्चिम बंगाल के बाद भाजपा का अगला टारगेट तेलंगाना है और पार्टी यहां अपने विस्तार के लिए लगातार काम कर रही है.
हैदराबाद में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को हैदराबाद में अपना सबसे लंबा दौरा किया जहां वो करीब 7 घंटे तक रहे. उन्होंने संत रामानुजचार्य (Ramanujacharya) की प्रतिमा का उद्घाटन किया और ICRISAT के गोल्डन जुबली समारोह में शामिल हुए. ICRISAT के कार्यक्रम में शामिल होने से पहले पीएम मोदी का काफिला खेतों के बीच से गुजरा रहा था. अचानक पीएम मोदी की नजर खेतों में लहलहाती फसलों पर पड़ी और गाड़ी रुकवाकर खेत में चले गए.
पीएम मोदी संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा के उद्घाटन के दौरान पूरी तरह से भक्ति भाव में सराबोर दिखे. इसके साथ ही उनकी टीका लगाए और पीतांबर पहने हुई आभा ने सभी को आकर्षित किया. पीएम मोदी की इस छवि की तुलना 5 अगस्त 2020 से की जा रही है जब उन्होंने अयोध्या में राममंदिर का शिलान्यास किया था. ऐसे में पीएम के इस कार्यक्रम को भी के हिंदुत्व के एजेंडे से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
बीजेपी का तेलंगाना पर फ़ोकस
यह पहली बार नहीं है कि तेलंगाना को लेकर बीजेपी इतनी सक्रिय हुई हो. पिछले दो तीन वर्षों के राजनीतिक घटनाक्रम को देखें तो बीजेपी की सक्रियता तेलंगाना में बढ़ी है. बीजेपी ने यहां ग्रेटर हैदराबाद के महानगरपालिका के चुनावों में अपनी सक्रियता दिखाई थी. पार्टी ने यहां गृहमंत्री अमित शाह तक को मैदान में प्रचार के लिए उतार दिया था. ऐसे में पार्टी की सीटें तीन से तीस तो हुईं लेकिन कोई बड़ा लाभ नहीं हुआ. इसके बावजूद पार्टी वहां लगातार अपनी जड़ें फैलाने में जुटी हुई है.
हैदराबाद पर फोकस
बीजेपी लंबें वक्त से हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को निशाने पर लेती रही है. पार्टी यहां अपने वोटर बेस को बढ़ाने के लिए लगातार हिंदुत्व का सहारा ले रही है जिसके चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इकाइयों से लेकर बीजेपी के युवा मोर्चा के कार्यकर्ता तक पार्टी का विस्तार करने में सक्रिय रहते हैं. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा भी देखा जा रहा है जिसे बड़े पैमाने पर हाइलाइट किया गया.
बड़े नेताओं पर फोकस
पिछले वर्ष स्वास्थ्य मंत्री एटाला राजेन्द्र (Etela Rajender) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekhar Rao) ने उन्हें कैबिनेट से हटाया था. ऐसे में उन्होंने पार्टी छोड़ बीजेपी की सदस्यता ले ली थी. वही एटाला राजेन्द्र की सीट पर हुए उपचुनावों में उन्हें बीजेपी ने उन्हें हुजूराबाद से मैदान में उतारा और उन्हें इसका फायदा भी मिला. भाजपा ने यह सीट जीत ली और पार्टी की स्थिति भी मजबूत हुई.
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एटाला को केसीआर के सबसे करीबी नेताओं में से एक माना जाता है. ऐसे में बीजेपी तेलंगाना में पार्टी को मजबूत करने के लिए एटाला के जरिए केसीआर को कमजोर करने की प्लानिंग कर रही है. वहीं हिंदुत्व के मुद्दे को आधार बनाकर पार्टी केसीआर और असद्दुदीन ओवैसी के बीच के गठबंधन पर हमला भी बोल रही है जिसका उद्देश्य मात्र तेलंगाना में भाजपा का उदय सुनिश्चित करना है.
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