मई 2021 में हर रोज़ covid से 4400 मौतें: Economic Survey

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 01, 2022, 09:58 PM IST

Coronavirus Covid-19 crisis. (Photo-PTI)

बजट 2022 से ठीक पहले ज़ारी हुए इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार मई 2021 में कोविड के भीषण प्रकोप से हर रोज़ लगभग 4400 लोगों की जान गई.

डीएनए हिंदी : कोविड महामारी ने दुनिया भर में तहलका मचाया है. ख़ासतौर पर इसका दूसरा लहर भारत में विशेष रूप से घातक सिद्ध हुआ. इस बात की पुष्टि इकोनॉमिक सर्वे ने भी की है. इकोनॉमिक सर्वे में स्पष्ट दर्ज है कि पहले वेव के दौरान यानी 2020 में मई के महीनों में कोविड केस की संख्या बढ़नी शुरू हुई थी और सितम्बर के महीनों तक सबसे अधिक केस आए थे. सितम्बर में केस घटने के बाद मार्च 2021 में अचानक कोविड केस की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ. मई में सबसे अधिक केस आए थे. सर्वे (economic survey)  में स्पष्ट दर्ज है कि एक मई 2021 को आने वाले कोविड केसों की संख्या चार लाख से ऊपर थी और इस दौरान हर रोज़ लगभग 4400 मौतें दर्ज की गईं.

सर्वे में इस्तेमाल किए गए WHO  के डाटा के अनुसार 2021 में कोविड के सबसे अधिक मामले मार्च से जून के दौरान आए, वहीं सबसे अधिक मौतें मई से जून 2021 के बीच हुईं.

(Source : WHO )

(Graph : Economic Survey 2022)

सरकार ने क्या किया इससे निबटने के लिए

सर्वे (economic survey)  में सरकार के कोविड से निबटने के लिए किए गए उपायों में पूर्ण और अंशतः लॉकडाउन (Lockdown),  वैक्सीनेशन (Vaccination) ड्राइव, लोगों को कोविड एप्रोप्रियेट व्यवहार के बारे में जागरूक करना शामिल था.

सरकार का यह भी कहना है कि संक्रमण रोकने के लिए पर्याप्त एहतियात बरते गए थे. भिन्न-भिन्न तरह के कंटेनमेंट ज़ोन को भी चिह्नित किया गया था. कई क्वारंटाइन फैसिलिटी बनाए गए थे. सरकार का यह भी कहना है कि बदलते हालात के साथ उससे पार पाने के तरीक़े भी बदलते गए. सारे सरकारी संस्थानों में फ्री टेस्ट की व्यवस्था की गई. बीमारी का जल्द पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजेन टेस्ट (Rapid Antigen Test) का सहारा लिया गया.

ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए रेलवे, एयर फ़ोर्स और नेवी से ली गई मदद

 यह इकोनॉमिक सर्वे (economic survey) सरकार के हवाले से आगे दर्ज करता है कि N-95 मास्क, वेंटीलेटर आदि की युद्ध स्तर पर व्यवस्था की गई. साथ ही आइसोलेशन बेड और आई सी यू बेड की व्यवस्था के साथ मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से निबटने के लिए भी इंतज़ामात किए गए. कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन (Oxygen) की मांग पूरी करने के लिए सरकार ने रेलवे, एयर फ़ोर्स, नेवी और भारी उद्योगों से भी मदद ली. वैक्सीनेशन पर बल देते हुए सर्वे में WHO के हवाले से जोड़ा गया है कि भारत का वैक्सीनेशन (Vaccination) प्रोग्राम दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम में से एक है.

 

 

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