डीएनए हिंदी: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने अपनी आत्मकथा 'जस्टिस फॉर द जज' (Justice for the Judge) के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि वह पोस्टर बॉय नहीं बल्कि पंचिंग बैग हैं क्योंकि वह नॉर्थ-ईस्ट से आते हैं. जस्टिस गोगोई ने Zee News के साथ अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में यह बात कही.
इंटरव्यू के दौरान 'जी न्यूज' के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई से सवाल किया कि क्या आप उस समय के पोस्टर बॉय बन गए थे? इस सवाल के जवाब में जस्टिस गोगोई ने कहा कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह पूर्वोत्तर (North-East) से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें तब ऐसा नहीं लगता था लेकिन अब ऐसा लगता है.
'मैं पोस्टर बॉय नहीं हूं, मैं पंचिंग बैग बन गया क्योंकि मैं नॉर्थ ईस्ट से आता हूं.' -पूर्व CJI रंजन गोगोई
किस बारे में है पू्र्व CJI रंजन गोगोई की किताब?
9 नवंबर 2019 को जस्टिस गोगोई ने ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya Land Dispute) पर फैसला सुनाया था. शांतिपूर्ण तरीके से इस विवाद को सुलझाने का श्रेय उन्हें जाता है. उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि सर्वसम्मति से फैसला सुनाने के बाद उन्होंने क्या किया.
अपनी किताब में रंजन गोगोई ने तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के कामकाज के खिलाफ 12 जनवरी 2018 के उस नाटकीय और अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी जिक्र किया है. इस किताब में उन्होंने अपने जीवन से जुड़े हर अनछुए पहलू पर खुलकर बात की है.
किन फैसलों के लिए जाने जाते हैं Ranjan Gogoi?
रंजन गोगोई 3 अक्टूबर 2018 से 17 नवंबर, 2019 तक देश के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था. अपने कार्यकाल के दौरान रंजन गोगोई ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं. जस्टिस गोगोई ने अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े मामले को भी सुलझाया है. राफेल विवाद और असम-एनआरसी विवाद भी सुलझाने में पूर्व सीजेआई का अहम योगदान रहा है.
रंजन गोगोई के कार्यकाल का सबसे महत्वपूर्ण फैसला 9 नवंबर का था जिसमें उनकी अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की बेंच ने बहुचर्चित अयोध्या विवाद मामले में फैसला सुनाया.