126 साल के Swami Sivanand की ये 5 आदतें जो आपको बना सकती है शतायु 

| Updated: Mar 22, 2022, 04:20 PM IST

जानिए स्वामी शिवानंद की उन पांच आदतों के बारे में जो आपको भी दे सकती हैं स्वस्थ और लम्बा जीवन

डीएनए हिंदी : 126 साल के बाबा शिवानंद(Baba Sivananda) को पद्म श्री पुरस्कार से नवाज़ा गया है. बाबा शिवानंद के बारे में कहा जाता है कि वे दुनिया के सबसे अधिक उम्र के व्यक्ति हैं. वे 8 अगस्त 1896 को पैदा हुए थे. योग गुरु रहे बाबा शिवानंद(Baba Sivananda) अभी भी पूरी तरह से सक्रिय हैं. जानना चाहते हैं, ऐसी क्या आदतें हैं जिसने न केवल बाबा शिवानंद को इतनी लम्बी उम्र दी बल्कि उन्हें इस वक़्त भी चुस्त-दुरुस्त रखा है? 

1. मसाला नहीं खाते हैं स्वामी शिवानंद - अपनी ज़िन्दगी लम्बी और तंदुरुस्त बनाने के लिए स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) ने जो कुछ बुनियादी नियम अपनाए हैं उनमें सबसे अव्वल मसालों से परहेज़ है. वे एकदम शुद्ध सात्विक उबली हुई चीज़ों को खाने में लेते हैं. उनका मुख्य खाना  उबले हुए चावल और दाल हैं. हाँ, उनके खाने के साथ हरी मिर्चें ज़रूर होती हैं. 
2. रोज़ करते हैं योग - अपनी लम्बी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और इस उम्र की सक्रियता का बड़ा श्रेय स्वामी शिवानंद योग को देते हैं. वे बिला नागा योग करते हैं. उनका विश्वास है कि रोज़ाना योग करने की वजह से उनसे बीमारियां दूर रहती हैं. 
3. सेक्स से रही है हमेशा दूरी- अपनी लम्बी उम्र के राज़ के विषय में पूछने पर  स्वामी शिवानंद बताते हैं कि उन्होंने हमेशा सेक्स से दूरी रखी है. वे सम्भोग से दूरी को लम्बे समय तक ज़िंदा रहने के लिए बेहद आवश्यक मानते हैं. 

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4. दूध और फल नहीं है उनके खाने का हिस्सा - 126 वर्षीय योग गुरु दूध और फल को अपने आहार में शामिल नहीं करते हैं. वे इसे आहार का ज़रूरी हिस्सा भी नहीं मानते हैं. उनके अनुसार यह फैंसी फ़ूड है. वे बताते हैं कि वे बचपन में  कई बार भूखे पेट भी सोये हैं. 

5. ज़मीन पर सोते हैं स्वामी शिवानंद - स्वामी शिवानंद(Swami Sivananda) सोने के लिए गद्दे और पारम्परिक तकिये का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे चटाई बिछाकर ज़मीन पर सोते हैं और एक लकड़ी के पट्टे का इस्तेमाल तकिये के तौर पर करते हैं. 

इन सब चीज़ों के अतिरिक्त योग गुरु अपनी लम्बी उम्र का एक कारण कम में ख़ुश  रहने को बताते हैं. वे कहते हैं कि आज के लोग दुखी, अस्वस्थ  हैं, साथ ही वे ईमानदार नहीं हैं. यह उनके लिए ठीक नहीं है. 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्वामी शिवानंद को कू पर  भारतीय संस्कार, संस्कृति एवं सम्मान का जीता जागता उदाहरण बताया है.