Science: हवा से पानी खींच लेगी नई टेक्नोलॉजी, अब कोई नहीं रहेगा प्यासा

आरती राय | Updated:May 26, 2022, 02:39 PM IST

मैटेरियल्स साइंटिस्ट Guihua Yu का कहना है कि यह नई खोज पृथ्वी की सबसे गर्म और सबसे सूखी जगहों पर पानी उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो सकती है.

डीएनए हिंदी: पृथ्वी की सतह का लगभग 71% हिस्सा पानी से भरा हुआ है. इसमें 96.5% समुद्री जल है जो पृथ्वी को चारों तरफ से घेरे हुए है. क्या आप जानते हैं कि जल हवा में  वाष्प के रूप में, नदियों और झीलों में, पहाड़ों पर जमी बर्फ, जमीन में मिट्टी की नमी के रूप में और जमीन की निचली सतह में Aquifer के रूप में और यहां तक कि आपके शरीर और जानवरो में भी मौजूद है. पृथ्वी पर पानी का सबसे बड़ा स्टोरेज समुद्र है पर हम सीधे समुद्र का पानी पी नहीं सकते.

वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी का 0.5% स्वच्छ जल उपलब्ध है

पृथ्वी (Earth) की सतह पर भरपूर पानी होने के बाद भी दुनिया में 3% ही पीने लायक है जिसमें 2.5% ग्लेशियरों, बर्फ, वातावरण और मिट्टी में बंद या अत्यधिक प्रदूषित या पृथ्वी की सतह के नीचे इतनी दूर है कि उसे आसानी से नहीं निकाला जा सकता है.आज के समय में वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी का 0.5% स्वच्छ जल उपलब्ध है जो नदियों, झीलों और बारिश के पानी के कृत्रिम भंडार, भूजल आदि के रूप में दुनिया के कई इलाकों में फैला है.

 
रेगिस्तान और अन्य सूखे इलाकों में पानी हासिल करना बहुत ही मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे में एक अनोखी खोज हुई है. इसकी वजह से अब रेगिस्तानी और सूखी जगहों पर भी पानी को लेकर एक आशा की किरण जगी है. वैज्ञानिकों ने नई तकनीक के जरिए जेल फिल्म (Gel Film) तैयार की है जिससे हवा में मौजूद पानी जमा कर उपयोग में लाया जा सकता है.

 रेगिस्तानी हवा से पीने का पानी खींच सकती है जेल फिल्म

ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय ने कम लागत में एक जेल फिल्म बनाई है. यह जेल फिल्म रेगिस्तानी हवा से पीने का पानी खींच सकती है. दुनिया की एक तिहाई से ज्यादा आबादी सूखी भूमि में रहती है ऐसे क्षेत्र में लोग पानी की कमी का अनुभव करते हैं. अब नई खोज से आने वाले समय में जल्द हम रेगिस्तानी हवा से साफ पानी पा सकेंगे और रेगिस्तान में भी स्वच्छ पेयजल के जरिए फूल खिला पाएंगे. साथ ही इस तकनीक की मदद से कई इलाकों में भीषण गर्मी के दौरान होने वाली पानी की कमी से भी राहत मिल सकती है. 

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वैज्ञानिकों की मानें तो सबसे शुष्क जलवायु में भी हवा से पानी खींचने वाली जेल फिल्म का निर्माण की कीमत मात्र 2 डॉलर प्रति किलोग्राम है और एक किलोग्राम 15% से कम उमस भरे वातावरण वाले क्षेत्रों 6 लीटर और 30% उमस भरे वातावरण वाले क्षेत्रों में 13 लीटर प्रति दिन से अधिक पानी का उत्पादन कर सकती है.

 कैसे बनाई जाती है जेल फिल्म

जेल फिल्म लचीली होती है और इसे जरूरत के आधार पर अलग अलग आकार में ढाला जा सकता है. फिल्म बनाने के लिए केवल hydrophilic skeleton या Silica gel  (जो सेलूलोज के एक बायोडिग्रेडेबल रूप से बनता है और किसी भी चीज से नमी खींचने में कारगर होता है) और  Konjac Gum (Konjac एक जड़ वाली सब्जी है जो एशिया के कुछ हिस्सों में उगती है) की जरूरत होती है. इसमें सभी चीजों को एक सांचे में डाला जाता है और इसे जेल की फॉर्म में सेट करने के लिए रख दिया जाता है. “जेल को सेट होने में 2 मिनट लगते हैं . फिर इसे केवल फ्रीज-ड्राय करने की जरूरत होती है और इसे मोल्ड से निकाल कर तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है . शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर पदार्थ उपलब्ध हो तो कोई भी घर पर ही इस तकनीक का उपयोग कर सकता है.

किसके लिए की गई यह रिसर्च

इस रिसर्च को खास तौर पर अमेरिकी रक्षा विभाग की डेवलप्ड अनुसंधान परियोजना एजेंसी (DARPA) की देख रेख में किया गया है. जिससे  शुष्क जलवायु में सैनिकों के लिए पीने का पानी आसानी से पाए जाने में मदद मिल सके. वही आम लोगों को भी इस तकनीक से फायदा मिल सके जिससे रेगिस्तान में जिंदगी आसान हो जाए.

  नई खोज पृथ्वी की सबसे गर्म और सबसे सूखी जगहों के लिए उपयोगी

मैटेरियल्स साइंटिस्ट Guihua Yu का कहना है कि यह नई खोज पृथ्वी की सबसे गर्म और सबसे सूखी जगहों पर पानी उपलब्ध कराने के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. वैज्ञानिकों के अनुसार जेल फिल्म आसानी से कम सामन की मदद से घरो में बनाई जा सकती है.

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