Ukraine Russia War: तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो कौन सा देश किसके साथ खड़ा होगा?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 28, 2022, 02:45 PM IST

if there is a third world war Who will stand with whom? What will be the stand of India

Ukraine Russia War: युद्ध के बाद प्रतिबंध लगाने वाले देशों के साथ रूस किस तरह का संबंध रखना चाहेगा ये देखना भी दिलचस्प होगा.

डीएनए हिंदीः रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी युद्ध बढ़ता ही जा रहा है. रूस ने अमेरिका और ब्रिटेन की चेतावनी को दरकिनार करते हुए यूक्रेन पर हमले और तेज कर दिए हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों से तनाव के बीच रविवार को Nuclear Deterrent Force को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है. पुतिन के इस आदेश से दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है. लगातार हो रहे हमलों के बाद भी यूक्रेन हार मानने के लिए तैयार नहीं है. इस जंग को घातक मानने का एक और कारण यह भी है कि पहली बार दूसरे विश्व युद्ध (Second World War) के बाद कोई इतना बड़ा हमला हो रहा है. 

तीसरे विश्व युद्ध का ले रहा रूप
सुरक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि जिस रूस जिस तरह के तेवर दिखा रहा है उससे इस युद्ध के जल्द खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. यूक्रेन के समर्थन में अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बड़े देश पहले ही खड़े हैं. दो देशों के बीच चल रही जंग ने एक बार फिर दुनिया के सभी देशों को दो धड़ों में बांट दिया है. यूक्रेन पर हमला करने से खफा कई देश लगातार रूस पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. ऐसे में तीसरे विश्व युद्ध की आहट लगातार तेज होती जा रही है. यहां यह बात महत्वपूर्ण है कि सिर्फ तेल और गैस ही नहीं बल्कि मिनरल्स और कमोडिटीज के लिए भी रूस कई देशों के लिए महत्वपूर्ण है. रूस पर अगर प्रतिबंध लगते हैं तो इन देशों को होने वाली सप्लाई में दिक्कत आना तय है. 

यह भी पढ़ेंः तुर्की से मिले इस हथियार से Ukraine मचा रहा तबाही, टैंक से लेकर ट्रेन का पलभर में कर देता है खात्मा

यूक्रेन को मिल रहा इन देशों का समर्थन
अमेरिका और ब्रिटेन खुलकर यूक्रेन के समर्थन में खड़े हो गए हैं. रूस पर प्रतिबंध लगाने से लेकर यूक्रेन को आर्थिक मदद देने तक इनका रुख साफ हो चुकी है. फिलहाल बन रहे हालात को देखते हुए नाटो में शामिल यूरोपियन देश बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल पूरी तरह यूक्रेन का समर्थन करेंगे. इसके साथ ही जर्मनी और फ्रांस भी यूक्रेन के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने भी रूस पर प्रतिबंध लगा यूक्रेन का खुलकर समर्थन किया है. 

रूस के साथ होंगे ये देश     
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध ने विश्व को दो गुटों में बांट दिया है. रूस के समर्थन की बात करें तो चीन खुलकर रूस के समर्थन में खड़ा हो गया है. चीन का साथ होना रूस के लिए शुरू से महत्वपूर्ण रहा है. सीमावर्ती क्षेत्रों में नाटो के विस्तार को लेकर अमेरिका की आलोचना कर चुका क्यूबा भी खुलकर रूस के समर्थन में खड़ा है. इसके अलावा कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे अर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस भी रूस का साथ दे सकते हैं. इसके पीछे वजह यह है कि इन देशों का रूस के साथ होने का सबसे बड़ा कारण है कि इन छह देशों के सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका मतलब है कि अगर रूस पर किसी देश द्वारा हमला किया जाता है तो ये देश भी रूस की मदद में आगे आएंगे और रूस पर हुए हमले को खुद पर भी हमला मानेंगे. दूसरी तरफ ईरान, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान भी रूस का समर्थन कर सकते हैं.  

यह भी पढ़ेंः 28 साल पहले Ukraine था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति, इस वजह से छोड़े हथियार और अब हो रहा पछतावा

भारत का क्या रहेगा रुख
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में सभी की नजरें भारत पर हैं. रूस के साथ भारत की दोस्ती को पूरी दुनिया जानती है. हालांकि भारत अभी तक इस मामले को लेकर पूरी तरह तटस्थ नजर आ रहा है. दरअसल भारत के रूस और अमेरिका दोनों से ही अच्छे रिश्ते हैं. भारत की जीडीपी का 40 फीसदी हिस्सा फॉरेन ट्रेड से आता है. वहीं भारत का अधिकतर कारोबार भी पश्चिमी देशों और मिडिल ईस्ट से होता है. रूस और भारत के बीच एक साल में 10 से 12 बिडियन डॉलर का कारोबार हुआ है. दूसरी तरफ पश्चिमी देशों की बात करें तो इनसे भारत 350-400 बिलियन डॉलर का कारोबार करता है. 

(हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.)

रूस यूक्रेन तीसरा विश्व युद्ध