Mumbai: झुग्गी में रही, फूल बेचे, अब जाएगी अमेरिका, Viral हो रही है Sarita Mali की कहानी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 12, 2022, 01:39 PM IST

Sarita Mali

मुंबई के एक स्लम में पली-बढ़ी सरिता माली को अब अमेरिका की दो यूनिवर्सिटीज से फेलोशिप का ऑफर मिला है.

डीएनए हिंदी: ये एक ऐसी लड़की की कहानी है जो झोपड़पट्टी में रहती थी. सड़क किनारे फूल बेचा करती थी. फिर अपनी मेहनत से वह जवाहल लाल नेहरू 
यूनिवर्सिटी (JNU) पहुंची. अब वह फेलोशिप पर अमेरिका जा रही है. संघर्ष भरी इस कहानी में ये जो खूबसूरत मोड़ आया है इसके बारे में जानकर किसी को भी प्रेरणा मिल सकती है.

मुंबई के स्लम से शुरू हुआ सफर
ये कहानी है 28 वर्षीय सरिता माली की. सरिता और उनका परिवार मूल रूप से जौनपुर का रहने वाला है. पिता बचपन से ही पैसे कमाने और मजदूरी करने मुंबई आ गए थे. सरिता का जन्म और पालन पोषण यहीं मुंबई के स्लम में हुआ.

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कभी फूल बेचे, कभी ट्यूशन पढ़ाया
पिता के कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी और घर का खर्च भी मुश्किल से पूरा होता था. ऐसे में कई बार सरिता भी पिता के साथ फूल बेचने जाया करती थीं. स्लम के पास ही नगर निगम के स्कूल से सरिता की शुरुआती पढ़ाई हुई और फिर वह ट्यूशन भी पढ़ाने लगीं. इन्हीं पैसों से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की.

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2014 में आईं जेएनयू
आगे की पढ़ाई के लिए सन् 2014 में जेएनयू पहुंचीं.यहां आकर देश और दुनिया के बारे में नजरिया बदला. वह कहती हैं, यहां के शानदार अकादमिक जगत, शिक्षकों और प्रगतिशील छात्र राजनीति ने मुझे इस देश को सही अर्थो में समझने और मेरे अपने समाज को देखने की नई दृष्टि दी.इसी के साथ आगे बढ़ने के सपने और बुलंद हुए. 

अब अमेरिका की उड़ान
अब कहानी ये है कि सरिता को अमेरिका की दो यूनिवर्सिटीज ने फेलोशिप ऑफर की है. पहली फेलोशिप मिली है यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से और दूसरी यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से. सरिता इनमें से यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया को चुन रही हैं. अपने इस सफर के बारे में खुद सरिता ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी बात लिखी है.

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