डीएनए हिंदी: नॉवेल से लेकर आजकल धमाल मचा रहीं संस्पेंस थ्रिलर वेब सीरीज तक जासूसी वाली कहानियां पढ़ना अक्सर काफी रोमांचक साबित होता है. जेम्स बॉन्ड, शरलॉक होम्स से लेकर ब्योमकेश बख्शी तक अगर ये किरदार हमारे जेहन में आज भी जिंदा हैं तो वजह यही जासूसी रोमांच है. एक बात ध्यान देने वाली है कि इन जासूसी किरदारों में आपने रील से लेकर रियल लाइफ तक सिर्फ पुरुषों को ही देखा होगा. शायद ही आप जानते होंगे उस महिला जासूस के बारे में जिसने असल जिंदगी में भी अपनी जासूसी का लोहा मनवाया. हम बात कर रहे हैं देश की पहली महिला जासूस रजनी पंडित की. रजनी अपने जासूसी करियर में 80 हजार से ज्यादा केस सॉल्व कर चुकी हैं. जानते हैं उनकी पूरी कहानी-
क्लर्क बनकर शुरू किया था करियर
22 साल की रजनी पंडित का बस एक ही सपना था- अपने पैरों पर खड़े होना. इसके लिए उन्होंने एक ऑफिस में क्लर्क की नौकरी कर ली. इस दौरान उनके ऑफिस में ही काम करने वाली एक महिला के घर पर चोरी हुई.बस महिला की मदद करने के लिए इस चोर का पता लगाने की जिम्मेदारी रजनी ने ले ली. कह सकते हैं कि यह उनका पहला केस था. रजनी ने छानबीन शुरू की और पता चला कि महिला के बेटे ने ही उसके घर में चोरी की है. इस केस को जिस तरह रजनी ने सॉल्व किया ऑफिस ही नहीं उसके बाहर भी उनके टैलेंट की चर्चा होने लगी.
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पिता CID में करते थे काम
रजनी के पिता CID में थे. कह सकते हैं कि जासूसी के गुर रजनी को अपने पिता से ही मिले, मगर रजनी ने इस काम को ही अपना करियर बनाने का सोच लिया है, इस बारे में पिता को कुछ नहीं पता था. जब उन्हें पता चला कि बेटी डिटेक्टिव के रूप में करियर बनाना चाहती है तो उन्होंने समझाया कि यह काम कितना खतरनाक है. मगर उन्होंने उसे रोका नहीं यही कहा कि अगर वह इस काम में होने वाले खतरों को जानते हुए भी ऐसा करना चाहती है तो करे.
मिल चुके हैं कई अवॉर्ड्स
पिता का साथ मिला तो रजनी का उत्साह भी आगे बढ़ा. उन्होंने 'रजनी पंडित डिटेक्टिव सर्विसेज' के नाम से एक जासूसी फर्म की शुरूआत की. उनकी डिटेक्टिव एजेंसी में 20 लोगों की टीम काम करती है. उन्हें आज देश की पहली महिला जासूस के तौर पर जाना जाता है. इसके लिए उन्हें 67 अवॉर्ड मिल चुके हैं. वहीं रजनी को राष्ट्रपति कोविंद से 'फर्स्ट लेडी डिटेक्टिव' का अवॉर्ड भी मिल चुका है. यह अवॉर्ड उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से दिया गया था.
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