डीएनए हिंदी: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने गुरुवार को राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) जिले में अपना एक और मिग फाइटर जेट मिग (Mig Fighter Jet) गंवा दिया. इस मिग-21 बायसन (Mig-21 Bison) विमान के क्रैश के साथ ही वायुसेना ने अपने दो जांबाज पायलटों की शहादत का दुख भी उठाया है. करीब 6 दशक पुराने इस लड़ाकू विमान का क्रैश होना कोई नई बात नहीं है. वायुसेना के पायलटों से लेकर डिफेंस एक्सपर्ट्स तक के बीच इसे 'हवाई ताबूत' भी कहा जाता है. कारण है अब तक करीब 400 से ज्यादा बार इस विमान का क्रैश होना और इन हादसों में 200 से ज्यादा पायलटों का शहीद हो जाना.
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जनवरी-2021 से अब तक 6 हादसे
पिछले साल जनवरी-2021 से ही अब तक छह मिग-21 विमान हादसे हो चुके हैं, जिनमें 4 पायलट शहीद हुए हैं.
- 5 जनवरी, 2021 को राजस्थान के सूरतगढ़ (Suratgarh) में एक मिग-21 विमान क्रैश हुआ, लेकिन पायलट बच गया.
- 17 मार्च, 2021 को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में भी मिग-21 बायसन क्रैश हुआ.
- 20 मई, 2021 को पंजाब (Punjab) के मोगा (Mogha) में मिग-21 क्रैश होने से पायलट अभिनव चौधरी शहीद हो गए.
- 25 अगस्त 2021 को बाड़मेर में ही एक मिग-21 बायसन विमान गिरा था, लेकिन पायलट सुरक्षित बच गए थे.
- 24 दिसंबर 2021 को राजस्थान में ही क्रैश हुए मिग-21 बायसन विमान में विंग कमांडर हर्षित सिन्हा शहीद हो गए थे.
- 28 जुलाई 2022 को राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 बायसन ट्रेनर विमान क्रैश, दोनों पायलट शहीद.
पांच साल में 46 विमान हादसों में 44 जवान शहीद
केंद्र सरकार के आंकड़ों के हिसाब से पिछले 5 साल के दौरान 46 फाइटर जेट और हेलिकॉप्टर हादसे हो चुके हैं, जिनमें सेना के तीनों विंगों के 44 जवान शहीद हो चुके हैं. इनमें वायुसेना ने 30 हादसों में 36 जवान, सेना ने 12 घटनाओं में 7 और नेवी ने 4 एक्सीडेंट में 1 जवान की शहादत रिपोर्ट की है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना इस विमान के साथ हुए 400 से ज्यादा हादसे 200 से ज्यादा पायलट और 56 से ज्यादा सिविलियंस की जान ले चुके हैं.
रूस में बना मिग विमान 1963 में जुड़ा था भारतीय वायुसेना के साथ
रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) में बना मिग-21s विमान दुनिया का पहला असली सुपरसोनिक फाइटर जेट था, जिसे 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. उस समय 847 मिग विमान खरीदे गए थे. सही मायने में 60 साल पुराना यह फाइटर जेट कई दशक पहले रिटायर हो जाना चाहिए था, लेकिन नए विमानों की खरीद में देरी के चलते भारतीय वायुसेना अब भी चार मिग-21 स्क्वाड्रन का उपयोग कर रहा है. हर स्क्वाड्रन में 'बायसन' (ऑरिजिनल मिग-21 विमान का अपग्रेड करके तैयार विमान) कैटेगरी के 16 से 18 मिग-21 विमान हैं. यह करीब 340 किलोमीटर/घंटा की गति के साथ दुनिया में सबसे तेज स्पीड से लैंडिंग और टेक-ऑफ करने वाला विमान है. इस खासियत के कारण इसे उड़ान भरते समय निशाना बनाना आसान नहीं है, लेकिन इसका बेहद पुराना पड़ चुका मैकेनिज्म नई तकनीकों के साथ फिट नहीं बैठ पा रहा है.
37 साल पहले रूस ने भी बंद किया निर्माण, फिर क्यों भारत में आज भी इस्तेमाल
भारतीय वायुसेना जिस विमान को आज भी इस्तेमाल कर रही है, उसका निर्माण खुद इसकी मूल रूसी कंपनी ने ही साल 1985 में यानी करीब 37 साल पहले बंद कर दिया था. इतना ही नहीं दुनिया के 60 से अधिक देशों की वायुसेनाओं में यह विमान शामिल रहा है, लेकिन अधिकतर ने इसका इस्तेमाल बंद कर इसे रिटायर कर दिया है. भारतीय वायुसेना में भी 1963 में खरीद के समय इसे 1990 में रिटायर कर देने का फैसला लिया गया था, लेकिन स्वदेशी तेजस फाइटर जेट (Tejas Fighter Jet) प्रोजेक्ट के विकास में देरी के कारण नए विमान नहीं खरीदे जा सके और मिग-21 लगातार अपग्रेड होकर भारतीय वायुसेना में बना रहा.
यह बताए हैं एक्सपर्ट्स ने मिग-21 हादसों के कारण
- यह बहुत तेजी से लैंडिंग करता है, लेकिन इसकी खिड़कियों की डिजाइन के कारण पायलट को रनवे ठीक से नहीं दिखता.
- कई बार अपग्रेड के बावजूद भी इसके इंजन में सुधार नहीं किया जा सका, जिससे इसकी भार क्षमता अब भी बेहद कम है.
- इसका डिजाइन पुराने जमाने की तकनीक पर आधारित है, ऐसे में सभी तरह के नए अपग्रेड इसमें पूरी तरह फिट नहीं बैठे हैं.
विंग कमांडर अभिनंदन के कारण साल 2019 में आया था चर्चा में
उड़ता ताबूत कहलाने वाला मिग-21 साल 2019 में उस समय पॉजिटिव कारणों से चर्चा में आया था, जब बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन भारत में घुसे पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट को मार गिराया गया था. विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान (Abhinandan Vartman) ने पाकिस्तानी फाइटर जेट को अपने मिग-21 बायसन विमान से ही ध्वस्त किया था. हालांकि उनका विमान भी ऐन मौके पर तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गया था और वे पाकिस्तानी धरती पर पकड़े गए थे.
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