Parali Burning: पराली जलाने के 45% मामले सिर्फ पंजाब के दो जिलों से, इसी राज्य में हैं देश के 75% केस

अभिषेक सांख्यायन | Updated:Oct 21, 2022, 06:22 AM IST

उत्तर भारत के कई राज्यों में इस बार सरकार की सख्ती और किसानों की जागरुकता से पराली जलाने में कमी हुई है. पंजाब में ही सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं.

डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली की हवा सर्दी की आहट के साथ ही दमघोंटू होने लगी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स फिर से ऊपर की तरफ भाग रहा है. हालांकि इसके लिए जिम्मेदार मानी जाने वाली पराली जलाने की घटनाएं इस साल पहले से कम हुई हैं. पराली जलाने के लिए सबसे ज्यादा बदनाम पंजाब (Punjab) में भी पहले से कम मामले सामने आए हैं, लेकिन पराली जलाने के देश के 75% मामले इसी राज्य में दर्ज हुए हैं. यही नहीं पंजाब के दो जिलों अमृतसर और तरनतारन से कुल 45% मामले रिपोर्ट हुए हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि दिल्ली की हवा यही दो जिले बिगाड़ रहे हैं.

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इस साल अब तक पराली जलाने की घटनाओं में कमी 

दीवाली के आते आते NCR समेत उत्तरी भारत में हवा की स्थिति बिगड़ने लगती है. इस साल मामला थोड़ा बेहतर है. इस साल मानसून के बाद सितंबर और अक्तूबर महीने में  हुई बरसात भी इसका एक कारण है. लेकिन इस साल अब तक पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखी गई है.  

इस साल अलग अलग राज्यों में अब तक पराली जलाने के 3476 घटनाएं रिकार्ड में आई हैं. साल 2020 में जहां 11,126 केस सामने आए थे. वहीं 2021 में 4656 पराली जलाने के मामले दर्ज हुए थे. वहीं इस साल 19 अक्तूबर तक पराली जलाने के 3476 मामले दर्ज हुए थे.

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पराली जलाने के चार में से तीन मामले पंजाब से 

पराली जलाने के 75 % से ज्यादा मामले पंजाब में दर्ज किए गए है. वहीं इससे पहले पंजाब से पराली जलाने के 2021 में 60 % और साल 2020 में 75 % मामले रिपोर्ट किए जाते रहे हैं. 

इस साल अब तक रिपोर्ट किए गए 3476 मामलों में से 2625 पंजाब से रिपोर्ट किए गए है. वहीं हरियाणा  से 586 (16.9%), उत्तर प्रदेश से 170 (4.9%), राजस्थान से 34 (1.0%), मध्य प्रदेश से 58 (1.7%) और दिल्ली  3 मामले सामने आए हैं.  

पंजाब में पराली जलाने के 60 प्रतिशत मामले सिर्फ दो जिलों से  

पंजाब में अब तक पराली जलाने के कुल 2625 मामले दर्ज किए गए. लेकिन इसमें से 60 % मामले सिर्फ दो जिलों अमृतसर और तरन तारन से दर्ज किए गए हैं. अब तक तरन तारन से 807 और अमृतसर से 788 मामले सामने  आ चुके हैं. इसके बाद गुरदासपुर से 228 मामले रिपोर्ट हुए हैं.

 

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