डीएनए हिंदी : धर्मेंद्र के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने आप को स्थापित करने के लिए बॉलीवुड की शानदार अभिनेत्री मीना कुमारी(Meena Kumari) का सहारा लिया. 31 मार्च को मीना कुमारी पुण्यतिथि होती है. धर्मेंद्र जब मीना कुमारी से मिले थे तब वे काफ़ी युवा थे. मीना उस वक़्त स्थापित अभिनेत्री थीं. वे पहली बार हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म पूर्णिमा में मिले थे और फिर लगातार उन्होंने कई फिल्मों मसलन काजल, चन्दन का पालना, मझली दीदी, मैं भी लड़की हूं, बहारों की मंज़िल और फूल और पत्थर सरीख़ी फिल्मों में काम किया. धर्मेंद्र अब भी मीना कुमारी को अपनी सफ़लता का श्रेय देते हैं.
बचपन में शुरू किया था अभिनय
मीना कुमारी(Meena Kumari) ने अभिनय की शुरुआत बेहद कम उम्र में कर दी थी. उन्होंने अपने काम की शुरुआत बतौर बेबी महज़बीं की थी. महज़बीं उनके बचपन का नाम था. मीना जब 18 साल की थीं, उनका मोटर साइकिल से एक्सीडेंट हो गया था. इस घटना के बाद वे डिप्रेशन में चली गई थीं. उसी वक़्त उनकी जान-पहचान कमाल अमरोही से बढ़ी थी जिनसे उन्होंने बाद में गुपचुप निकाह कर लिया था.
कमाल से अजीबो गरीब रहा था मीना कुमारी का रिश्ता
कमाल अमरोही से शादी करते हुए मीना कुमारी(Meena Kumari) के ज़हन में यह बात कहीं न कहीं थी कि उनका अपने पिता के दबंग साये से पीछा छूट जाएगा, पर कमाल भी वैसे ही निकले. उन्होंने मीना पर कई बंदिशें लगा दीं. मीना केवल उसी गाडी में सफ़र कर सकती थीं जो कमाल ने उनके लिए रखी थी. उन्हें साढ़े छः तक घर आना होता था. कहा जाता है कि कमाल ने मीना पर नज़र रखने के लिए अपने दोस्त को लगाया था. वे मीना पर हाथ भी छोड़ते थे.
बाद में मीना कुमारी(Meena Kumari) और कमाल अमरोही में कटुता इतनी बढ़ी कि दोनों का तलाक़ हो गया. हालांकि पाकीज़ा(Pakeezah) की सफ़लता के दोनों क़रीब आने लगे थे पर 3 फ़रवरी 1972 को हुई इसकी रिलीज़ के दो माह के भीतर ही 31 मार्च 1972 को मीना कुमारी चल बसीं.
कमाल की हरक़तों की वजह से दिल टूटने के बाद मीना के जीवन में धर्मेंद्र और कथित तौर पर गुलज़ार भी आए पर वे डिप्रेशन में ही रहीं.