National Safe Motherhood Day: मां की सेहत के मामले में ये 7 राज्य पेश करते हैं मिसाल, बनाया ये रिकॉर्ड

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 11, 2022, 12:24 PM IST

National Safe Motherhood Day

भारत में 7 ऐसे राज्य हैं जो UN द्वारा मातृ मृत्यु दर से जुड़े निर्धारित लक्ष्य को एक दशक पहले ही हासिल कर चुके हैं. अभिषेक सांख्यायन की रिपोर्ट.

डीएनए हिंदी: देश में हर साल 25 हजार महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अपनी जान गवां देती हैं.सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में मातृ मृत्यु दर में सुधार हुआ है और अब यह 103 तक पहुंच गई है. फिर भी हम संयुक्त राष्ट्र द्वारा दुनिया के लिए जारी  लक्ष्य (70) से काफी दूर हैं. इस बीच देश के 7 राज्यों से एक अच्छी खबर सामने आई है. इसके अनुसार ये 7 राज्य इस लक्ष्य को हासिल कर चुके हैं. राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस (National Safe Motherhood Day) पर जानते हैं इन राज्यों के बारे में जो पूरे देश के लिए मिसाल बन रहे हैं-

मातृ मृत्यु दर (MMR) क्या होती है ? 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार गर्भवती होने पर या गर्भावस्था की समाप्ति के 42 दिनों के भीतर किसी भी संबंधित कारण से होने वाली महिला की मौत को मातृ मृत्यु दर के रूप में गिना जाता है. प्रति लाख बच्चों के जन्म के दौरान हुई मां की मौतों को मातृ मृत्यु दर (MMR) कहा जाता है. बच्चे के जन्म के दौरान होने वाली इस तरह की मृत्यु दर को कम करना संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (SDG)में शामिल है. इसके अनुसार पूरी दुनिया में मातृ मृत्यु दर को कम कर 70 तक लेकर आना है.  

ये भी पढ़ें-  गाजियाबाद के स्कूल में दो बच्चे हुए Covid Positive, अब ऑफलाइन चलेंगी क्लास

ये 7 राज्य हासिल कर चुके हैं लक्ष्य
भारत में 7 ऐसे राज्य हैं जो UN द्वारा साल 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्य को एक दशक पहले ही हासिल कर चुके हैं. इन राज्यों में केरल और महाराष्ट्र मातृ मृत्यु दर के पैमाने पर बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों में अव्वल नम्बर पर हैं. केरल में जहां यह आंकड़ा 30 का है, वहीं महाराष्ट्र में 38 का. दक्षिण भारत के तेलंगाना,तमिलनाडू और आंध्र प्रदेश में ये आकंड़ा क्रमश: 56, 58 और 58 है. सात राज्यों की सूची में झारखंड (61) और गुजरात (70) भी शामिल हैं.  

ये भी पढ़ें- Covid Vaccination : प्राइवेट सेंटर पर रविवार से लग सकती है 18+ वालों को Booster Dose

ये राज्य हैं सबसे फिसड्डी  
उत्तर प्रदेश में हर एक लाख बच्चों के जन्म पर अभी भी क्रमश: 205 और 167 मांओं की मौत हो जाती है. इस मामले में अन्य फिसड्डी राज्य हैं- छत्तीसगढ़, राजस्थान , बिहार, उड़ीसा, यहां मातृ मृत्यु दर 160, 141, 136 और 130 है. ऐसी ही चिंताजनक स्थिति हरियाणा (96) और उत्तराखंड (101) में भी देखने को मिली है.  

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का इतिहास 
साल 2003 में 1800 संगठनों के गठबंधन व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया (WRAI) के अनुरोध पर भारत सरकार ने कस्तूरबा गांधी के जन्मदिन 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था.  

ये भी पढ़ें- Love letter: महात्मा गांधी ने बा से ऐसे कही थी दिल की बात, 'जाहिर नहीं करता हूं, मगर प्यार हर दिन बढ़ रहा है'

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें. 

 

मातृत्व मृत्यु दर उत्तर प्रदेश असम महाराष्ट्र