क्या राहुल गांधी, ममता और KCR के लिए 2024 में खतरा बनेंगे नीतीश कुमार?

Written By रईश खान | Updated: Aug 11, 2022, 12:38 PM IST

विपक्ष बनाएगा नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार?

Nitish Kumar: सवाल यह है कि क्या विपक्ष नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार करेगा और उनका नाम इस पद के लिए आगे करेगा? क्या वह राहुल गांधी, ममता बनर्जी और KCR के मुकाबले पीएम पद के लिए बेहतर कैंडिडेट हैं?

डीएनए हिंदी: बिहार की राजनीति में बीते दो-तीन दिनों में कुछ ऐसी करवटें ली कि पूरे देश की सियासत का माहौल ही बदल गया. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बना ली और आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके साथ ही नीतीश कुमार की एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत दावेदार के तौर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस बात के संकेत JDU ने भी दिए हैं. तो क्या लोकसभा चुनाव 2024 में नीतीश कुमार ही विपक्ष का चेहरा होंगे? राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा है तो राहुल गांधी, ममता बनर्जी और के. चंद्रशेखर राव (KCR) के लिए खतरे की घंटी है. क्योंकि इससे विपक्ष में फूट पड़ेगी.

अब सवाल यह है कि क्या विपक्ष नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार करेगा और उनका नाम इस पद के लिए आगे करेगा? क्या वह राहुल गांधी, ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव  के मुकाबले पीएम पद के लिए बेहतर कैंडिडेट हैं? विपक्ष में प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी में वो इन नेताओं के मुकाबले कहां ठहरते हैं.

ममता के लिए नीतीश क्यों है खतरा?
पिछले कुछ समय के घटनाक्रम को देखें तो ममता बनर्जी विपक्ष की कद्दावर नेता नजर आ रही थीं. वो इसलिए क्योंकि हाल के दिनों में उन्होंने कई मौकों पर कांग्रेस से कन्नी काट ली. उपराष्ट्रपति चुनाव में इसकी झलक भी देखने को मिली थी, जब TMC ने उपराष्ट्रपति चुनाव से अलग होना के फैसला किया. वो भी तब जब बीजेपी की तरफ से इस पद के लिए जगदीप धनखड़ उम्मीदवार थे. जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे और इस दौरान ममता और धनखड़ के बीच कई बार टकराव देखने को मिला. 

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लेकिन पिछले दिनों उनकी सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल जाने से ममता बनर्जी बैकफुट पर नजर आ रही हैं. इसकी वजह से ममता सरकार पर कई सवाल भी उठ रहे हैं. इस बीच पीएम मोदी से मुलकात पर भी ममता घिर गई हैं. कई विपक्षी दल निशाना साध रहे हैं कि जांच से बचने के लिए ममता ने मोदी से मुलाकात की है. ऐसे में माना जा रहा है कि ममता का कमजोर होना नीतीश कुमार के लिए फ्रंट पर बैटिंग करने का मौका है. हालांकि , 2019 के लोकसभा चुनाव में ममता ने तीसरे मोर्चे को लामबंद करने की पहल की थी. भले वह इसमें ज्यादा कामयाब नहीं हो पाईं लेकिन उनकी लोकप्रियता को दरकिनार करना नीतीश कुमार और दूसरे दलों के लिए इतना आसान नहीं होगा.

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KCR का कमजोर होना नीतीश के लिए मौका?
विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी और केसीआर के अलावा प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखने वाला अगर कोई नेता है तो वह नीतीश कुमार हैं. नीतीश कुमार कहां तक इस मकसद में कामयाब होंगे ये तो समय बताएगा, लेकिन  तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव (KCR) राव का कमजोर होना भी नीतीश की आकांक्षाओं को उड़ान दे रहा है. क्योंकि कांग्रेस कई मौकों पर आरोप लगा चुकी है कि ममता बनर्जी और केसीआर यूपीए को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे हैं. लेकिन यह सच है कि वह पिछले 7 साल से न तो बीजेपी के साथ न ही कांग्रेस के साथ मंच पर नजर आए. 

चंद्रशेखर राव 2 जून 2014 से लगातार तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं.  राव की मजबूती के बावजूद बीजेपी लगातार तेलंगाना में पैर पसार रही है.अगले साल के आखिरी में राज्य में चुनाव भी होने हैं. ऐसे में बीजेपी का पूरा फोकस तेलंगाना पर लग गया है. हैदराबाद नगर निगम चुनाव हो या फिर हुजराबाद विधानसबा का उपचुनाव बीजेपी राज्य में लगातार सफल हो रही है. 

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