Omicron : न्यू यॉर्क, लन्दन, नई दिल्ली, बर्लिन जैसे शहरों में क्या है कोविड का हाल

| Updated: Jan 04, 2022, 11:23 AM IST

एक नज़र डालते हैं दुनिया के बड़े शहरों और वहां के ओमिक्रॉन के मामलों पर ...

डीएनए हिन्दीयूरोप में दस करोड़ से अधिक Omicron के  केस आ चुके हैं. न्यू यॉर्क  को अमेरिका में फ़ैल रहे कोविड के केसेज का एपिसेंटर कहा जा रहा है. बोत्सवाना, चेक रिपब्लिक, रोम आदि शहरों में भी omicron के केस देखने में मिल चुके हैं. एक नज़र डालते हैं दुनिया के बड़े शहरों और वहां के ओमिक्रॉन के मामलों पर –

न्यू यॉर्क – वाशिंगटन पोस्ट की एक रपट के अनुसार अमेरिका में कोविड के मामले सबसे अधिक न्यू यॉर्क में फ़ैल रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि ठीक उसी वक़्त जब सारी चीज़ें ठीक हो रही थीं, न्यू यॉर्क में सब बिगड़ने लगा. रपट के अनुसार इस बार न्यू यॉर्क में हॉस्पिटल में दाख़िल होने वाले बच्चों की संख्या तुलनात्मक रूप से अधिक है, हालाँकि omicron के केस में कम लोगों को हॉस्पिटल की ज़रूरत पड़ रही है.

लन्दन – 2 जनवरी 2022 को लन्दन में कुल एक लाख बीस हज़ार कोविड केस दर्ज किये गये. सात दिनों का औसत लगभग एक लाख पैंसठ हज़ार रहा. लन्दन के लिए चिंताजनक बात यह रही कि यहाँ हॉस्पिटल दाखिले में भी 53% बढ़ोतरी देखी गयी.

नई दिल्ली – 2 जनवरी को नई दिल्ली में तीन हज़ार से अधिक कोविड के  मामले सामने आये हैं. इसकि वजह से औसत तकरीबन 1500 केस प्रतिदिन से ऊपर पहुँच गया है. हालाँकि राहत की बात यह है कि दिल्ली के हॉस्पिटलों में केवल पांच प्रतिशत कोविड बेड ही इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक भरे हुए थे.

लॉस एंजेलस – न्यू यॉर्क की तरह लॉस एंजेलस में भी कोविड के केस उठान पर हैं. 31 दिसंबर को शहर में क़रीब 27, 000 मामले नोटिस किये गये हैं. यहाँ भी हॉस्पिटल में दाख़िल होने वालों की संख्या में बढ़त देखी गयी. शहर में गंभीर कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.

मुंबई – लगभग बारह हज़ार नये केसेज के साथ मुंबई का omicron इन्फेक्शन दर अब 6,000 प्रतिदिन के रफ़्तार पर पहुंच गया है. मुंबई में स्कूल बंद हो गये हैं और कोविड से जुड़े हुए सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. मुंबई  सिविक  चीफ़ ने लोगों से नियमों का पालन करने और डर दूर करने की अपील की है.

बर्लिन – कोविड की पहली लहर के दौरान बुरी तरह शिकार रहे बर्लिन में omicron के मामले में 42,000 से ऊपर नये केस मिले हैं. त्योहारी छुट्टियों के बाद इन मामलों में तेज़ी से बढ़त हुई है. इस बढ़त को देखते हुए नये साल की पार्टी पर भी रोक लगा दी गयी थी.