ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं लोग, कैसे बचें?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 15, 2021, 05:50 PM IST

हाल के दिनों में ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. ठग आसानी से निजी जानकारियां जुटाकर बैंक खातों से रकम उड़ा ले जाते हैं.

डीएनए हिंदी: ऑनलाइन बैंकिंग और पेमेंट के इस दौर में तेजी से बैंकिंग फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं. ठग पहले आपकी गोपनीय जानकारियां हासिल करते हैं फिर आपकी मेहनत की कमाई को मिनटों में उड़ा ले जाते हैं. साइबर ठग, ऑनलाइन फ्रॉड करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. सिम स्वैपिंग, एटीएम क्लोनिंग एसएमएस और ईमेल के जरिए  इन दिनों ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है. हम आपको कुछ आसान टिप्स बताएंगे जिन्हें अपनाकर ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड से खुद को बचा सकते हैं.

ठग अक्सर फोन पर आपसे कहते हैं कि आपकी लॉटरी लग गई है. इस लिंक पर क्लिक करें और सारा इनाम जीत लें. इसके लिए आपके फोन या इमेल पर ठग एक मैसेज भेजते हैं. उनका कहना होता है कि जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करेंगे एक ओटीपी डालेंगे और इनाम जीत लेंगे. ऐसे फोन, कॉल या मैसेज का कभी जवाब न दें. लिंक पर क्लिक करना भी खतरे से खाली नहीं है. आपके बिना अप्लाई किए आपकी कहीं भी लॉटरी नहीं लगती, न ही बिना बात के कहीं से कोई  ऑफर नहीं मिलता.

किन तरीकों से होती है ठगी?

ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड को फिशिंग भी कहा जा रहा है. इसमें ठग किसी सोर्स से आपकी कस्टमर आईडी, इंटरनेट पिन, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर, कार्ड एक्सपायरी डेट, सीवीवी नंबर चुरा लेते हैं. एसएमएस और ईमेल के जरिए भी इन्हें आसानी से हासिल करने की कोशिश करते हैं.

कैसे अपने जाल में फंसाते हैं साइबर ठग?

ठग खुद को बैंक अधिकारी के तौर पर पेश करते हैं. वे ग्राहकों को एक फेक ईमेल भेजते हैं. ठग दिए गए लिंक में कस्टमर डिटेल्स भरने और अपने अकाउंट की जानकारी अपडेट करने को कहते हैं. लिंक पर क्लिक करने के बाद जो वेबसाइट खुलती है वह बैंक की आधिकारिक वेबसाइट जैसी ही नजर आती है. एक वेब फॉर्म खुलता है जिसमें ग्राहकों को पर्सनल डीटेल्स भरने को कहा जाता है. ग्राहक अपनी गोपनीय जानकारियां पूरे फॉर्म में भर देते हैं फिर ऑनलाइल बैंकिंग फ्रॉड का पूरा खेल शुरू हो जाता है.

फेक वेबसाइट लिंक (फिशिंग वेबसाइट) की कैसे करें पहचान?

URL को पहले वेरिफाइ करें. सिक्योर वेबसाइट पर ही क्लिक करें. अपने लैपटॉप, फोन में हमेशा लेटेस्ट एंटी वायरस इंस्टॉल करें. किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें. कोई भी गोपनीय जानकारी फोन या ईमेल पर शेयर न करें. अगर कोई भी शख्स खुद को आयकर विभाग या टैक्स डिपार्टमेंट का बताए तब भी उसकी बात न मानें.

अपने वीजा या मास्टर कार्ड की जानकारी किसी भी कीमत पर किसी को न दें. अपने फोन पर जो भी बैंकिंग ऐप इंस्टाल करें वह आधिकारिक हो. किसी भी पब्लिक कंप्यूटर से अपनी बैंकिंग डीटेल्स न फिल करें, न ही ऑनलाइन बैंकिंग करें. फोन को भी किसी भी पब्लिक वाई-फाई से कनेक्ट न करें. 

फ्रॉड होने पर क्या करें?

ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होने पर पहली जानकारी संबंधित बैंक को तत्काल दें. अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड को तत्काल ब्लॉक कराएं. सारे जरूरी डॉक्यूमेंट बैंक को मुहैया कराएं. पुलिस में भी लिखित शिकायत दर्ज कराएं और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दें. 

कैसे पुलिस को दें शिकायत?

अपने बैंक अकाउंट से हुए 6 महीनों के सभी भुगतानों का बैंक स्टेटमेंट कलेक्ट करें. जिस मैसेज या ईमेल के जरिए आप ठगी का शिकार हुए हैं उसकी एक कॉपी जरूर रख लें. अपने साथ बैंक पासबुक की भी एक कॉपी तैयार रखें. अपने पहचान पत्र और बैंक में दिए गए एड्रेस प्रूफ को भी तैयार रखें. इन सभी विवरणों के साथ अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं.

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