डीएनए हिंदी: आज के समय में शैंपेन (Champagne) हर जश्न और पार्टियों का अहम हिस्सा बन गई है. आपने भी हर जश्न से पहले शैंपेन की बोतल को हिलाकर खोलते हुए देखा होगा. आपने देखा होगा कि बोतल में तेजी से एक लिक्विड के साथ काफी सारे झाग बाहर आते हैं. इस दौरान कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर शैंपेन क्या है और इसमें कितनी मात्रा में अल्कोहल पाया जाता है? यह कैसे बनती है और इसके नाम के पीछे की क्या कहानी है? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब-
शैंपेन की बोतल में क्या भरा होता है?
बता दें कि शैंपेन की बोतल वाइन से भरी होती है. सामान्य वाइन से अलग यह वाइन स्पार्कल वाइन होती है जिसे खास तरह से बनाया जाता है. इसी के चलते शैंपेन में छोटे-छोटे बुलबुले दिखाई देते हैं.
कितनी मात्रा में होती है अल्कोहल?
जानकारी के अनुसार, इस स्पार्कल वाइन में 11 फीसदी तक अल्कोहल की मात्रा होती है.
कैसे बनती है शैंपेन?
शैंपेन बनाने के लिए सबसे पहले अलग-अलग तरह के अंगूरों का रस निकाला जाता है. इसके बाद उसमें कुछ पदार्थ मिलाकर उसका फर्मन्टेशन किया जाता है. इसके लिए पहले इसे टैंक में भरकर रखा जाता है और कई सालों तक फर्मन्टेशन प्रोसेस के लिए छोड़ दिया जाता है फिर इन्हें बोतल में भरकर कई सालों तक उल्टा करके रखा जाता है.
ऐसा करने पर इसमें कार्बनडाइऑक्साइड (Carbondioxide) और अल्कोहल (Alcohol) जनरेट होते हैं. इसके बाद इसपर ढक्कन की जगह कॉर्क लगाया जाता है और बर्फ में रखा जाता है. प्रेशर से बर्फ और गंदगी बाहर आ जाती है. इसके बाद फिर से बोतल को उल्टा करके कई दिनों तक रखा जाता है और इस तरह स्पार्कलिंग वाइन तैयार होती है.
क्या है शैंपेन के नाम की कहानी?
फ्रांस में शैंपेन नाम का एक क्षेत्र है. इसके चलते जो स्पार्कलिंग वाइन फ्रांस के इस क्षेत्र में बनती है और यही वजह है कि उसे इसी के नाम से (शैंपेन) बुलाया जाता है. वहीं बाकि देशों में जो स्पार्कलिंग वाइन बनती है और उसे अलग अलग नामों से जाना जाता है. यानी अगर ये भारत में बनी है तो इसे सिर्फ स्पार्कलिंग वाइन ही कहा जाएगा.