क्या है रूस का Nord Stream 2 पाइपलाइन प्रोजेक्ट, यूक्रेन पर हुआ हमला तो बंद कर देगा अमेरिका?

| Updated: Feb 15, 2022, 10:14 AM IST

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अमेरिका ने यूक्रेन को लेकर रूस को आगाह किया है कि अगर उसने हमला किया तो उसकी गैस पाइपलाइन Nord Stream 2 को रोक दिया जाएगा.

डीएनए हिंदीः रूस और यूक्रेन (Russia-Ukrain Conflict) के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. दोनों के बीच जारी विवाद के बीच अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने चेतावनी दी है अगर यूक्रेन पर हमला हुआ तो रूस की अहम गैस पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम 2 (Nord Stream 2 Pipeline) को रोक दिया जाएगा. 

अगर इस पाइपलाइन को रोका गया तो इससे न सिर्फ रूस को नुकसान होगा बल्कि जर्मनी की भी मुश्किलें बढ़ेंगी. दरअसल जब भी रूस के साथ पश्चिमी देशों का तनाव बढ़ता है, नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन खतरे में पड़ जाती है. अब अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह हमले की स्थिति में रूस की 85 हजार करोड़ की लागत वाली इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ने देना. रूस और जर्मनी के बीच की इस पाइपलाइन का काम तो पूरा हो चुका है लेकिन इसे अभी चालू नहीं किया गया है. 

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क्या है Nord Stream 2 Pipeline?

- रूस से जर्मनी के बीच यह पाइपलाइन 1,200 किमी लंबी है. यह बाल्टिक सागर से होते हुए पश्चिमी रूस से उत्तर-पूर्वी जर्मनी तक जाती है.

- इस पाइपलाइन को बनाने का निर्णय वर्ष 2015 में लिया गया था. 

- इस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के जरिए रूस से जर्मनी जाने वाली नैचुरल गैस की सप्लाई को दोगुना करने का लक्ष्य है. 

- इस परियोजना का काम सितंबर 2021 में पूरा हो चुका है. लेकिन अभी कुछ मंजूरी मिलनी बाकी है. इसी वजह से इसे अभी चालू नहीं किया गया है.  

- इस पाइपलाइन से जर्मनी को हर 55 अरब घन मीटर गैस की सप्लाई हो सकेगी. इस प्रोजेक्ट का मालिकाना हक रूस की सरकारी कंपनी गजप्रोम (Gazprom) के पास है.

- वर्तमान में रूस अभी Nord Stream 1 पाइपलाइन के जरिए जर्मनी को गैस भेजता है. इसकी कैपेसिटी भी सालाना 55 अरब घन मीटर गैस सप्लाई करने की है. 

- ‘नॉर्ड स्ट्रीम 1 सिस्टम’ को पहले ही पूरा किया जा चुका है और ‘नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन’ के साथ मिलकर यह जर्मनी को प्रतिवर्ष 110 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस की आपूर्ति करेगा. 

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रूस के लिए क्यों अहम है ये प्रोजेक्ट?

- यह प्राकृतिक गैस के लिये रूस पर यूरोप की निर्भरता को और अधिक बढ़ाएगा, जबकि वर्तमान में यूरोपीय संघ के देश पहले से ही अपनी 40 फीसदी गैस संबंधी आवश्यकताओं के लिये रूस पर निर्भर हैं.

- इस पाइपलाइन को रूस की विदेश नीति के हथियार के तौर पर भी देखा जा रहा है. दरअसल रूस के पाइपलाइन प्रोजेक्ट का अमेरिका, यूक्रेन और पोलैंड विरोध करते रहे हैं. 

- रूस अभी यूरोपीय देशों को ज्यादातर नैचुरल गैस की सप्लाई यूक्रेन के रास्ते करता है. लेकिन Nord Stream और Nord Stream 2 यूक्रेन से होकर नहीं जाती. इसी कारण रूस को यूक्रेन को ट्रांजिट फीस भी नहीं देनी होगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे यूक्रेन को 2 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है.

- ऐसे में अगर इस प्रोजेक्ट पर रोक लगी तो इसका सीधा असर रूस की कमाई पर तो पड़ेगा ही साथ ही यूरोपीय देशों में भी गैस का संकट गहराने का खतरा है. 

क्या अमेरिका इस पाइपलाइन को रोक सकता है?
अमेरिका कई ऐसे कदम उठा सकता है जिससे इस पाइपलाइन को रोका जा सके. अमेरिका आर्थिक रूप से कई प्रतिबंध लगा सकता है. दरअसल, अमेरिका चाहे तो पाइपलाइन से जुड़े कारोबार करने वाली किसी भी कंपनी या व्यक्ति पर प्रतिबंध लगा सकता है. इससे पाइपलाइन प्रोजेक्ट को चला पाना मुश्किल हो जाएगा.