Newspaper पर क्यों छपे होते हैं ये Colorful Dots, क्या है इनका मतलब ?

| Updated: Jan 24, 2022, 01:22 PM IST

Newspaper colorful dots significance

ज्यादातर लोग इन्हें नजर अंदाज कर देते हैं लेकिन ये बिना मतलब नहीं होते. इनका मतलब अखबार की प्रिंटिंग से जुड़ा है.

डीएनए हिंदी: अखबार हमारी हर सुबह का साथी होता है. हम इससे खबरें पढ़ते हैं अपने काम की खबरों की कटिंग रखते हैं, नौकरियों के इश्तिहारों पर गोले लगाते हैं, सुडोकू खेलते हैं, पहेलियों के जवाब ढूंढते हैं. कुलमिलाकर अगर पूरा दिन बिताना चाहें तो एक अखबार के साथ हम आराम से पूरा दिन भी बिता सकते हैं. हम इसकी हेडलाइन, रिपोर्ट्स और रिपोर्टर से तो वाकिफ होते हैं लेकिन क्या आपने कभी अखबार के सबसे नीचे रोज छपने वाले डॉट्स को नोटिस किया है. ये चार रंग (Colorful Dots On Newspaper) के डॉट रोज एक ही तरीके से पन्ने के सबसे नीचे छापे जाते हैं. आप जानते हैं कि इन्हें क्यों छापा जाता है? और इन डॉट्स का मतलब क्या है?

क्या है इन डॉट्स का मतलब?

अगर आप रोज़ अखबार पढ़ते हैं लेकिन फिर भी कभी नोटिस नहीं किया तो कोई नई बात नहीं है क्योंकि ज्यादातर लोग इन्हें नजर अंदाज कर देते हैं लेकिन ये बिना मतलब नहीं होते. इनका मतलब अखबार की प्रिंटिंग से जुड़ा है. दरअसल, चार रंग के ये चार डॉट बताते हैं कि अखबार को किस प्रिंटिंग के जरिए छापा गया है. चार रंगों वाली इस खास तरह की प्रिंटिंग को CMYK प्रिंटिंग कहा जाता है.

अखबार में दिखने वाले इन चार कलर CMYK का एक फुल फॉर्म होता है. C यानी Cyan (हल्का आसमानी), M यानी Magenta (मजेंटा), Y का मतलब Yellow (पीला) और K का मतलब Key यानी Black.

दरअसल, किसी भी इमेज को प्रिंट करते समय इन चार रंगों की प्लेटों को एक पेज पर अलग-अलग करके रखा जाता है. अगर छपाई के समय तस्वीरें धूंधली हो रही हैं, तो इसका मतलब होता है कि ये प्लेट्स सही से नहीं लगाई गई हैं, जिसे प्रिंटर आसानी से पकड़ लेता है. इसीलिए CMYK को पंजीकरण मार्क्स या प्रिंटर्स मार्कर (Registration Marks Or Printers Marker) कहा जाता है. बता दें, ऐसा सिर्फ़ अखबार को प्रिंट करने के लिए नहीं बल्कि किताबों या मैगजीन के लिए भी किया जाता है लेकिन जब पेज काटे जाते हैं तो इन प्लेट्स को हटा दिया जाता है.

CMYK प्रिंटिंग प्रोसेस की क्या है खासियत ?

इस प्रोसेस में जिन चार रंगों को लिया जाता है, वो किसी भी प्रिटिंग का सबसे सस्ता और अच्छा साधन है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये टोनर पर आधारित या डिजिटल प्रिंटिंग से काफी सस्ती होती है. जो प्रिंटर इस प्रोसेस से काम करते हैं वो इस बात का भी अंदाजा लगा लेते हैं कि रोज कितने अखबार प्रिंट हुए हैं. 

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