क्यों इस जगह जाना चाहते हैं महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन Anand Mahindra? यहां की खूबसूरती आपका भी मन मोह लेगी

Written By कुलदीप सिंह | Updated: Apr 22, 2022, 11:28 AM IST

लक्षद्वीप में स्थित एक छोटा सा द्वीप है जिसे मिनिकॉय (Minicoy Island) के नाम से जाना जाता है. पढ़ें के. टी. अल्फी की रिपोर्ट

डीएनए हिंदीः गर्मियों की छुट्टी में हर कोई एक ऐसी जगह जाना चाहता है जो उनके लिए एक यादगार पल साबित. एक ऐसी जगह जहां के नज़ारे को आप अपने कैमरे में कैद कर समेट कर रखना चाहते हो. यह जरूरी नहीं की वो जगह आपके देश के बाहर या यूं कहें कि विदेश में ही देखने को मिलेगी जैसे की कई लोग खूबसूरत वादियों को देखने के लिए यूरोप जाते है. समुंदर के नीले पानी में गोते लगाने मैक्सिको (Mexico) पहुंच जाते है या अमेज़न जैसे गहरे घने जंगलो में adventure करने पहुंच जाते हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है की इन सब से भी एक खूबसूरत जगह भारत में भी है जो इसकी खूबसूरती को चार चांद लगा देता है.  

आज आपको बताते हैं ऐसी ही एक जगह के बारे में जिसके नज़ारे को देख आप भी अपनी इस बार की गर्मियों की टिकट वहीं पर जाने का बुक करवाएंगे. यह लक्षद्वीप में स्थित एक छोटा सा द्वीप है जिसे मिनिकॉय (Minicoy Island) के नाम से जाना जाता है. यह द्वीप भारत के दक्षिणी - पश्चिमी तट से 200 से 450 किलोमीटर दूर लक्षद्वीप सागर में स्थित एक द्वीपसमूह है. हालांकि इस पूरे द्वीपसमूह को लक्षद्वीप के नाम से ही जाना जाता है और मिनिकॉय एक उपसमूह का नाम है जो भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश में से एक है. इस द्वीप की खूबसूरती देखते ही बनती है. आपको यह भी बता दें कि महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने जब इसी मिनिकॉय द्वीप पर एक पर्यटक का वीडियो देखा तो वो इतने मंत्रमुग्ध हो गए की आनंद महिंद्रा ने खुद इस वीडियो को ट्वीट कर इसके बारे और जानकारी लेने की कोशिश की. उन्होंने अपने वीडियो ट्वीट में लिखा - यह बेहद खूबसूरत है और मैं यहां पहले क्यों नहीं आया? यह भी लिखा कि अगर कोई इस island पर जाता है तो इसकी तस्वीरें खींचकर उन्हें भेजे. 

क्या हैं मिनिकॉय का इतिहास? 
पुराने ज़माने में  मिनिकॉय द्वीप समूह में इंसानो की आबादी नहीं हुआ करती थी और अन्य द्वीपवासी आए दिन निकोबार से मिनोकोय  आते जाते रहते थे. मिनिकॉय, अंडमान और निकोबार के इन द्वीप समूहो को एक समय नरभक्षियों का गढ़ माना जाता था और इसीलिए उन्हें मिनिका-राजजे अथवा नरभक्षी साम्राज्य नाम दिया गया था. स्थानीय रूप से मल्लिकु के रूप में जाना जाता है और इस स्वदेशी द्वीप को भारत में ब्रिटिश काल शुरू होने के बाद मिनिकॉय के साथ मिला दिया गया था. मिनिकॉय अब 1956 के बाद से 36 अन्य द्वीपों का हिस्सा है, जब अंग्रेजों ने आखिरकार भारतीय तटों को छोड़ दिया था. इस island को island of Women भी कहा जाता है और यहां कि अधिकांश आबादी मुस्लिमों की है. यहां महल भाषा बोली जाती है. 

क्यों लोग आकर्षित होते हैं?
यात्रियों, इतिहासकारों और शिक्षाविदों  इन शानदार द्वीपों की ओर आकर्षित होते हैं, इसकी प्राकृतिक सुंदरता, रहस्यमय संस्कृति और सामाजिक संरचना लोगो को इसकी और आकर्षित करती है. यहां मौजूद lagoon, crystal clear पानी , यहां मजूद CORAL REEF
और वो भी ज़िंदा जिनके साथ आप तैर कर एक अलग अनुभव का आनंद ले सकते हैं. मिनिकॉय island टूना मछली के लिए जाना जाता है और इसी द्वीप में टूना कैनिंग फैक्ट्री भी स्थित है जो मछली पकड़ने का काम करती है. साथ ही यहां पर स्थित 300 फुट ऊंचा lighthouse जिसे अंग्रेज़ों के शासन काल में सन 1885 में बनाया गया था यहां का मुख्य आकर्षण केंद्र है. 

हालांकि इतिहास के पन्नों में अगर आप मिनिकॉय को ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे तो शायद ही आपको इसके बारे में कुछ पता चल पाएगा लेकिन अगर सच में अगर आप अपने एडवेंचर की खुराक मिटाना चाहते हैं और मिनिकॉय को एक्स्प्लोर करना चाहते हैं तो एक बार यहां ज़रूर जाएं. 

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