World Telecommunication Day: भारत में सबसे पहले कब हुई मोबाइल फोन पर बात? जानिए पूरा इतिहास

रईश खान | Updated:May 17, 2022, 01:49 AM IST

सांकेतिक तस्वीर

भारत में पहली बार 31 जुलाई 1995 को तत्कालीन केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बीच मोबाइल फोन पर बात हुई थी.

डीएनए हिंदी: आज के इस दौर में इंसान दुनिया के किसी भी कौने में बैठा हो, लेकिन मोबाइल फोन के जरिए उससे बात कर सकता है. ये कारनामा टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की बदौलत संभव हुआ है. इसे इंसानों की सबसे बड़ी खोज में से एक माना जाता है. इंफोर्मेशन एंड टेलीकम्युनिकेशन की इस अहम भूमिका को समझते हुए हर साल 17 मई को वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन डे (World Telecommunication Day) के रूप में मनाया जाता है.

इतना ही नहीं, आज ही के दिन यानी 17 मई 1885 को इंटरनेशनल टेलिकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) की स्थापना हुई थी. इस दिन फ्रांस के पेरिस में पहले इंटरनेशनल टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे. इस खास मौके पर हम आपको बताना चाहते हैं कि भारत में पहली बार मोबाइल फोन पर 31 जुलाई 1995 में दो लोगों के बीच बात हुई थी. ये दो लोग तत्कालीन केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु थे. 

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16 प्रति मिनट थे कॉल के रेट
आज से करीब 27 साल पहले संचार मंत्री सुखराम ने दिल्ली के टेलीकम्युनिकेशन विभाग से पहला कॉल लगाया था. यह कॉल पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित राइटर्स भवन में मौजूद ज्योति बसु को लगाया गया. दोनों नेताओं काफी देर तक बात की और इस बातचीत को महत्वपूर्ण माना. ज्योति बसु ने कहा था वायरलेस तकनीक पर यह टेलीफोन सिस्टम भारत के लिए बड़ी क्रांति साबित होगा. बताया जाता है कि उस दौर में कॉल 16 मिनट प्रति दर थी.

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आपको बता दें कि 'वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन डे' को 1969 में पहली बार मनाया गया था. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2005 में 17 मई को वर्ल्ड इंफोर्मेशन सोसाइटी डे (WISD) के रूप में घोषित कर दिया था. फिर 2006  में तुर्की के अंताल्या में एक कॉन्फ्रेंस में आईटीयू ने वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन एंड सोसाइटी डे (WTISD) संयुक्त रूप से मनाने का निर्णय लिया गया.

Internet की जागरुकता बढ़ाना लक्ष्य
World Telecommunication Day को समाज में इंटरनेट की उपयोगिता के बारे में जागरुक करने और डिजिटल डिवाइडेशन में अंतर को पाटने के उद्देश्य से मनाया जाता है. यह जश्न दुनिया में लोगों के बीच सकारत्मक कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के बारे में जागरुकता बढ़ाने का भी एक तरीका है. इसके साथ ही इसका उद्देश्य दुनिया के दूरदराज के हिस्सों और ग्रामीण एरिया में रहने वाले लोगों के लिए इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन एक्सेस को आसान बनाना है.

World टेलीकम्युनिकेशन डे की क्या थी सबसे बड़ी सफलता?
- World टेलीकम्युनिकेशन डे की सबसे बड़ी सफलता थी, टेलीफोन का अविष्कार होना. जिसके जरिए आप कहीं पर भी रहकर अपनों से बात कर सकते हैं.
- इसके साथ ही 60 के दशक में इंटरनेट की शुरूआत होना. जिसके आने से लोगों की जिंदगी में काम करना और आसान हो गया.
- इसकी बड़ी सफलता कोरोना काल में दिखी. क्योंकि इसके माध्यम से ही लोगों ने अपने रोजगार को जारी रखा.
- इसके जरिए लोगों को जॉब, बिजनेस के अवसर भी प्राप्त हुए हैं. चाहे वो शॉपिंग सेक्टर में हो या फिर व्यापार सेक्टर में.

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