Vaishno Devi में हादसे के शिकार लोगों के परिजनों को Yogi सरकार देगी मुआवजा

| Updated: Jan 01, 2022, 10:04 PM IST

आज माता वैष्णों देवी मंदिर (Maata Vaishno Mandir) में बड़ा हादसा हो गया. इस घटना में 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 14 लोग घायल हो गए.

डीएनए हिंदी: साल 2022 का पहला दिन है और आज जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के माता वैष्णो देवी मंदिर में बड़ा हादसा हो गया. दरअसल यह हादसा कुछ युवकों के बीच हुए विवाद की वजह से हुआ. इस भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 14 लोग जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. फिलहाल हादसे में जख्मी लोगों का उपचार वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में चल रहा है. बताया जा रहा है की इनमें से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है.

इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को वैष्णो देवी मंदिर भगदड़ पीड़ितों के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. इससे पहले दिन में, पीएम मोदी ने भगदड़ के पीड़ितों के लिए प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से अनुग्रह राशि को मंजूरी दी.

इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, "माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिजनों को पीएमएनआरएफ की ओर से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे." पीएम मोदी ने लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना में घायल हुए लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

हादसे की पूरी स्थिति पर पीएम नरेंद्र मोदी नजर बनाये हुए हैं. इसी के मद्देनजर पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को धन जारी करने के एक कार्यक्रम में बोलते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में जम्मू-कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की है. उन्होंने कहा, "मैं वैष्णो देवी भवन परिसर में भगदड़ में अपनों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।" मोदी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर प्रशासन के लगातार संपर्क में है और राहत कार्यों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

ध्यान हो की शनिवार तड़के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मंदिर में मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं. भगदड़ जम्मू से लगभग 50 किलोमीटर दूर त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर स्थित मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास सुबह करीब 2.30 बजे हुई.