डीएनए हिंदी : अर्नेस्ट हेमिंग्वे की एक पहचान अमेरिकी पत्रकार की भी रही है. उन्होंने युद्ध की रिपोर्टिंग भी की है. इसलिए उनकी कई कहानियों में युद्ध की छाया भी नजर आती है.
उनकी कहानियों और उपन्यास में चरित्रों या स्थितियों का जो बारीक विश्लेषण दिखता है, वह उनके पत्रकारिता के अनुभवों का भी नतीजा है. 1954 में अर्नेस्ट हेमिंग्वे को साहित्य का नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
दूसरे देश में (पहली किस्त)
शरद ऋतु में भी वहां युद्ध चल रहा था, पर हम वहां फिर नहीं गए. शरद ऋतु में मिलान बेहद ठंडा था और अंधेरा बहुत जल्दी घिर आया था. फिर बिजली के बल्ब जल गए और सड़कों के किनारे की खिड़कियों में देखना सुखद था. बहुत सारा शिकार खिड़कियों के बाहर लटका था और लोमड़ियों की खाल बर्फ के चूरे से भर गई थी और हवा उनकी पूंछों को हिला रही थी. अकड़े हुए, भारी और खाली हिरण लटके हुए थे और छोटी चिड़ियाएं हवा में उड़ रही थीं और हवा उनके पंखों को उलट रही थी. वह बेहद ठंडी शरद ऋतु थी और हवा पहाड़ों से उतर कर नीचे आ रही थी.
हम सभी हर दोपहर अस्पताल में होते थे और गोधूलि के समय शहर के बीच से अस्पताल तक पैदल जाने के कई रास्ते थे. उनमें से दो रास्ते नहर के बगल से हो कर जाते थे, पर वे लंबे थे. हालांकि अस्पताल में घुसने के लिए आप हमेशा नहर के ऊपर बने एक पुल को पार करते थे. तीन पुलों में से एक को चुनना होता था. उनमें से एक पर एक औरत भुने हुए चेस्टनट बेचती थी. उसके कोयले की आग के सामने खड़ा होना गरमी देता था और बाद में आपकी जेब में चेस्टनट गरम रहते थे.
इसे भी पढ़ें : DNA Lit में पढ़ें चर्चित रूसी कहानी गिरगिट की पहली किस्त
अस्पताल बहुत पुराना और बहुत ही सुंदर था और आप एक फाटक से घुसते और चल कर एक आंगन पार करते और दूसरे फाटक से दूसरी ओर बाहर निकल जाते. प्रायः आंगन से शव-यात्राएं शुरू हो रही होती थीं. पुराने अस्पताल के पार ईंट के बने नए मंडप थे और वहां हम हर दोपहर मिलते थे. हम सभी बेहद शिष्ट थे और जो भी मामला होता उसमें दिलचस्पी लेते थे और उन मशीनों में भी बैठते थे जिन्होंने इतना ज्यादा अंतर ला देना था.
डॉक्टर उस मशीन के पास आया जहां मैं बैठा था और बोला - "युद्ध से पहले आप क्या करना सबसे अधिक पसंद करते थे? क्या आप कोई खेल खेलते थे?"
मैंने कहा - "हां, फुटबॉल."
"बहुत अच्छा," वह बोला. "आप दोबारा फुटबॉल खेलने के लायक हो जाएंगे, पहले से भी बेहतर." (जारी)
कहानी 'दूसरे देश में' की दूसरी किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की तीसरी किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की चौथी किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की पांचवीं किस्त
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.