DNA Lit में पढ़ें अमेरिकी कहानी 'दूसरे देश में' की आखिरी किस्त

अनुराग अन्वेषी | Updated:Feb 02, 2024, 02:21 PM IST

अर्नेस्ट हेमिंग्वे की कहानी 'दूसरे देश में' की पांचवीं किस्त.

Ernest Hemingway Story dusare Desh Mein: डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेजर की पत्नी, जो युवा थी और जिससे उसने तब तक शादी नहीं की थी जब तक वह निश्चित रूप से युद्ध के लिए असमर्थ नहीं ठहरा दिया गया था, निमोनिया से मरी थी. वह केवल कुछ दिनों तक ही बीमार रही थी.

डीएनए हिंदी : अर्नेस्ट हेमिंग्वे की कहानी 'दूसरे देश में' की चौथी किस्त तक में यह साफ हो चुका है कि इन्सान के जेहन में युद्ध की विभीषिका बुरी तरह तारी हो जाती है. इस हद तक कि जीवन नारकीय हो जाता है. खीज, बेचैनी, संत्रास की लहरें आदमी को अकेला करती जाती हैं. वह अपने सपने भूल जाता है, जीने की इच्छा खत्म होने लगती है. यानी युद्ध अंततः बेमानी है और इसका प्राप्य हर रूप में सिर्फ तबाही है. पढ़ें, तलवारबाज मेजर की मनोदशा, जो आखिरकार युद्ध की देन है.

दूसरे शहर में (पांचवी किस्त)

वह हल्की चिकित्सा और मालिश के लिए वापस दूसरे कमरे में चला गया. फिर मैंने उसे डॉक्टर से पूछते सुना कि क्या वह उसका टेलीफोन इस्तेमाल कर सकता है और फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया. जब वह वापस कमरे में आया तो मैं दूसरी मशीन में बैठा था. उसने अपना लबादा पहना हुआ था और टोपी लगा ली थी और वह सीधा मेरी मशीन की ओर आया और मेरे कंधे पर अपनी बांह रख दी.
"मुझे बेहद खेद है," उसने कहा, और अपने अच्छे हाथ से मुझे कंधे पर थपथपाया. "मेरा इरादा अभद्र होने का नहीं था. मेरी पत्नी की मृत्यु हाल ही में हुई है. तुम्हें मुझे माफ कर देना चाहिए."
"ओ" मैंने उसके लिए व्यथित हो कर कहा. "मुझे भी बेहद खेद है."
वह अपने निचले होठ काटता हुआ वहीं खड़ा रहा. "यह बहुत कठिन है," उसने कहा. "मैं इसे नहीं सह सकता."
वह सीधा मुझसे आगे और खिड़की से बाहर देखने लगा. फिर उसने रोना शुरू कर दिया. "मैं इसे सहने में बिलकुल असमर्थ हूं," उसने कहा और उसका गला रुंध गया. और तब रोते हुए, अपने उठे हुए सिर से शून्य में देखते हुए, खुद को सीधा और सैनिक-सा दृढ़ बनाते हुए, दोनो गालों पर आंसू लिए हुए और अपने होठों को काटते हुए वह मशीनों से आगे निकला और दरवाजे से बाहर चला गया.

इसे भी पढ़ें : DNA Lit में पढ़ें चर्चित रूसी कहानी गिरगिट की पहली किस्त

डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेजर की पत्नी, जो युवा थी और जिससे उसने तब तक शादी नहीं की थी जब तक वह निश्चित रूप से युद्ध के लिए असमर्थ नहीं ठहरा दिया गया था, निमोनिया से मरी थी. वह केवल कुछ दिनों तक ही बीमार रही थी.
किसी को उसकी मृत्यु की आशंका नहीं थी. मेजर तीन दिनों तक अस्पताल नहीं आया. जब वह वापस आया तो दीवार पर चारों ओर मशीनों द्वारा ठीक कर दिए जाने से पहले और बाद की हर तरह के जख्मों की फ्रेम की गई बड़ी-बड़ी तस्वीरें लटकी थीं. जो मशीन मेजर इस्तेमाल करता था उसके सामने उसके जैसे हाथों की तीन तस्वीरें थीं जिन्हें पूरी तरह से ठीक कर दिया गया था. मैं नहीं जानता, डॉक्टर उन्हें कहां से लाया. मैं हमेशा समझता था कि मशीनों का इस्तेमाल करने वाले हम ही पहले लोग थे. तस्वीरों से मेजर को कोई ज्यादा अंतर नहीं पड़ा क्योंकि वह केवल खिड़की से बाहर देखता रहता था. (समाप्त)
(अनुवाद - सुशांत-सुप्रिय)

कहानी 'दूसरे देश में' की पहली किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की दूसरी किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की तीसरी किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की चौथी किस्त

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Hindi Literature Hindi Sahitya DNA LIT